New Delhi: मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कमान संभालने के दौरान मातहत अफसरों से टकराव को लेकर सुर्खियों में रहीं स्मृति ईरानी की अब कपड़ा मंत्रालय में भी नहीं पट रही। यहां भी अफसरों से कुछ खटपट होने की खबर है।
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इंडिया संवाद की रिपोर्ट की माने तो मंत्रालय के सूत्र बता रहे हैं यहां सचिव व सीनियर आईएएस रश्मि वर्मा से उनकी तकरार हो गई है। जिसकी शिकायत रश्मि वर्मा ने अपने करीबी केंद्रीय सचिव से लेकर पीएम मोदी तक कर दी है।
बताया जा रहा है कि रश्मि वर्मा ने ऊपर कह दिया है कि स्मृति का यही एटीट्यूड जारी रहा तो वे साथ काम करने में खुद को असमर्थ पाएंगी। तकरार की जड़ में लाखों रुपये कीमत की साड़ियों के भुगतान की बात कही जा रही। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर लीपापोती भी चल रही है। उधर स्मृति के करीबियों ने इस बात का खंडन किया है।
टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के सूत्र बता रहे हैं कि एक दिन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी मंत्रालय के अधीन संचालित कॉटेज इंडस्ट्री का मुआयना करने गईं। यहां उन्हें कुछ महंगी साड़ियां भा गईं तो उन्होंने पैक करा लिया।
वहीं एक गणेश भगवान की मूर्ति भी थी। इन सब की कीमत करीब आठ लाख रुपये बताई जाती है। यह भी स्मृति ईरानी ने आर्डर किया। इसके बाद उनके निजी स्टाफ ने बिल लेकर भुगतान के लिए कपड़ा मंत्रालय की सेक्रेटरी के पास भेजा।
सूत्र बता रहे हैं कि जब बिल कपड़ा मंत्रालय की सचिव रश्मि वर्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने साड़ियों की कीमत का कॉटेज इंडस्ट्री स्थित शोरूम को करने से मना कर दिया। तर्क दिया कि मंत्री ने निजी इस्तेमाल के लिए साड़ियां खरीदी हैं तो उसका सरकारी खर्च में समायोज नहीं हो सकता।
जब साड़ियों का भुगतान रुकने की बात आई तो स्मृति नाराज हुईं। उन्होंने सचिव से कहा कि महकमे के मंत्री को अपने अधीन चल रहे संस्थान का बना कपड़ा पहनने का अधिकार है। इसके भुगतान में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सूत्र बता रहे हैं कि इसको लेकर दोनों पक्षों में तकरार हो गई।
सचिव रश्मि वर्मा मौजूदा केंद्रीय सचिव की करीबी बताई जाती हैं। जिस पर उन्होंने मंत्री के साथ हुई कहासुनी को केंद्रीय सचिव से बताया। इसके बाद शिकायत पीएमओ तक भी भेजवा दी है। इस बाबत मंत्री और सचिव का पक्ष लेने के लिए इंडिया संवाद ने कोशिश की मगर, समाचार लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो सका था।
उधर स्मृति ईरानी के करीबी कह रहे हैं कि यह बातें निराधार हैं। कपड़ा मंत्रालय में किसी अफसर से कोई तकरार की बात नहीं है। कुछ लोग स्मृति को नहीं पसंद करते हैं तो वे छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ मनगढ़ंत आरोप उड़ा रहे।
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