अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमती धातुओं में हुई भारी गिरावट और घरेलू स्तर पर रुपये में मजबूती के बल पर शनिवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी 2050 रुपये उतरकर 46,450 रुपये प्रति किलोग्राम किलोग्राम पर आ गया।

यह चांदी का 18 दिनों का निचला स्तर है। इस दौरान सोना 100 रुपये उतरकर 38,370 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया। अगर आप शादी या त्योहार के लिए सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यह खरीदारी के लिए अच्छा समय है, क्योंकि अगर एक्सपर्ट की माने तो दिवाली तक 10 ग्राम सोने का भाव 42000 रुपये तक जा सकता है।
दिवाली तक 42000 पहुंच सकता है सोने का भाव
जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के उपाध्यक्ष और सेंको गोल्ड के एमडी और चेयरमैन शंकर सेन ने लाइव हिन्दुस्तान को बताया कि दिवाली और त्योहारों तक 10 ग्राम सोने का भाव 42000 रुपए तक पहुंच सकता है।
अभी ग्राहकों के लिए सोने खरीदने का अच्छा समय है क्योंकि आगे लंबे समय में सोने का दाम बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन में ट्रेड वार के कारण चीन हेजिंग के लिए गोल्ड खरीद रहा है जिसके कारण इंटरनेशनल मार्केट में सोने की मांग और दाम दोनों बढ़ रहे हैं। इसका असर घरेलू मार्केट में भी नजर आ रहा है।
कीमतों में आगे आएगा उछाल
दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने कहा कि दुनिया भर में ‘मंदी की आशंका से सोने की कीमतों में उछाल आया है। उन्होंने कहा कि दिवाली के समय सोना 42,000 रुपये तक और चांदी 52,000 रुपये तक पहुंच सकती है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन का मानना है कि सोने की कीमतों को कमजोर होते रुपये से भी समर्थन मिल रहा है।
दिवाली तक गोल्ड बनाएगा नया रिकॉर्ड
कल मंगलवार को 10 ग्राम सोने सोने का भाव 38,970 और चाँदी 100 रुपये की गिरावट में 48,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। विश्लेषकों का अनुमान है कि कहना है कि सोने में तेजी अभी जारी रहेगी और दिवाली तक इसकी कीमत नया रिकॉर्ड बना सकती है। इस कैलेंडर वर्ष में सोने ने निवेशकों को 20 प्रतिशत से अधिक लाभ दे चका है जबकि 2018 में इसमें निवेश का प्रतिफल करीब 6 प्रतिशत था।
गोल्ड ने दिया इतना लाभ
गत 31 दिसंबर को दिल्ली में सोने का भाव 32,270 रुपये प्रति दस ग्राम था जो आज 39,000 पर चल रहा है। इस तरह वर्ष 2019 में सोना निवेशकों को अब तक 20 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दे चुका है। इसी तरह चांदी भी 39,000 रुपये प्रति किलोग्राम से इस कैलेंडर साल में 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच चुकी है। इस तरह बहुमूल्य धातुओं ने निवेशकों को उम्मीद से बेहतर रिटर्न दिया है।
क्यूं बढ़ रहे हैं दाम
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलर्स ट्रेडर्स फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन बच्छराज बमावला का मानना है कि सोने में तेजी के पीछे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के कारक है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, वैश्विक नरमी और ब्रेक्जिट(ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने के मसलों) की वजह से भी निवेशकों का झुकाव सोने की ओर से बढ़ा है।
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