राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) ने शनिवार को कहा कि सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत अपनी ताकत को साबित कर चुका है। अब भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों का हब बनने की कोशिश करनी चाहिए। वह डिजिटल इंडिया अवार्ड्स के 7वें संस्करण को संबोधित कर रही थीं।
”सरकारी डेटा के लोकतंत्रीकरण पर देना चाहिए ध्यान ”
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में 22 सरकारी संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही लोगों को स्थानीय डिजिटल समाधान विकसित करने में मदद करने के लिए सरकारी डेटा के लोकतंत्रीकरण पर ध्यान देना चाहिए।
”हर किसी के पास हो डेटा की पहुंच”
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इस काम में मदद करने के लिए सरकारी डेटा के डेमोक्रेटाइजेशन पर ध्यान देना चाहिए, यानी हर किसी के पास डेटा की पहुंच हो और कोई भी उस सूचना को पाने में अड़चन पैदा करने वाला नहीं हो।
”मौजूदा नीतियों का लाभ उठाना चाहिए”
मुर्मु ने कहा, “हमें मौजूदा नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और भारत में बनी तकनीक के जरिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों के वैश्विक पावरहाउस के रूप में देश को स्थापित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाना चाहिए।”
जन केंद्रित शासन के लिए किया टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि भारत जन-केंद्रित शासन के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरा है, जिससे दुनिया के बाकी हिस्सों को भी लाभ हुआ है। विशेष रूप से यह काम कोरोना महामारी के दौरान हुआ है।
डिजिटल इंडिया ने विश्व में मजबूत किया भारत का नाम
मुर्मू ने कहा कि डिजिटल इंडिया भी विश्व मंच पर देश के प्रोफाइल को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सभी अधिक प्रासंगिक हो रहे हैं, क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता संभाल रहा है। यह घटना एक मील का पत्थर है। बताते चलें कि भारत ने औपचारिक रूप से 1 दिसंबर 2022 को G20 की अध्यक्षता ग्रहण की।
स्वदेशी 5जी टेक्नोलॉजी से शासन भी बदलेगा
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित 5जी टेक्नोलॉजी शुरू कर दी है। 5जी सेवाओं के शुरू होने से शासन में भी बदलाव आएगा। मुर्मू ने कहा कि हमें सरकारी डेटा की डेमोक्रेटाइजिंग कर देनी चाहिए। इससे युवा प्रौद्योगिकी उत्साही लोगों को इसका उपयोग लोकलाइज डिजिटल सॉल्यूशन बनाने के लिए कर सकेंगे।”