सैन्य ताकत के साथ-साथ बौद्धिक क्षमता भी जरूरी

थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि युद्ध अब तेजी से संपर्क रहित होते जा रहे हैं। इसलिए इसके जवाब में सैन्य ताकत के साथ-साथ बौद्धिक क्षमता और नैतिक तैयारी की भी जरूरत है। यह बात उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर नई दिल्ली के मानेकशॉ केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि युवाओं की भूमिका थिंक टैंक, प्रयोगशालाओं और युद्धक्षेत्र जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में होनी चाहिए।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सेना के अधिकारियों, छात्रों और रक्षा विशेषज्ञों को संबोधित किया। यह कार्यक्रम सेना और रक्षा थिंक-टैंक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज की ओर से ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग: यंग लीडर्स फोरम’ के तहत आयोजित हुआ।

मुख्य भाषण में सेना प्रमुख ने युद्ध की बदलती प्रकृति और उसके अनुसार रणनीतिक प्रतिक्रिया की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, युद्ध अब तेजी से गैर-गतिशील और बिना प्रत्यक्ष संपर्क वाला होता जा रहा है, इसलिए इसका सामना करने के लिए सैन्य ताकत, बौद्धिक क्षमता और नैतिक तैयारी जरूरी है।

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