सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए सेना की जीप पर कश्मीरी युवक को बांधे जाने की घटना का बचाव किया है. इसके साथ ही उन्होंने सभी को साथ लेकर कश्मीर मुद्दे के ठोस हल पर जोर दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि कश्मीर में ‘डर्टी वॉर’ से निपटने के लिए सैनिकों को नए-नए तरीके अख्तियार करने पड़ते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘लोग जब हम पर पथराव कर रहे हो और पेट्रोल बम फेंक रहे हों, तो मैं अपने लोगों से ‘देखते रहने और मरने’ के लिए नहीं कह सकता.’
कश्मीर घाटी में जारी विरोध प्रदर्शन और पथराव की घटनाओँ को लेकर सेना प्रमुख ने कहा, ‘मैं खुश होता अगर प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने के बजाये हथियारों से फायर कर रहे होते.’ इसके साथ उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के ठोस हल की जरूरत है और हर किसी को इसमें शामिल होना होगा.
गौरतलब है कि पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सेना एक कश्मीरी को जीप से बांधकर ले जाती हुई दिख रही थी. जीप पर इस तरह युवक को बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई को पिछले दिनों सम्मानित किया गया था, जिस पर घाटी के अलगाववादी नेताओं और कुछ राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. हालांकि गोगोई ने पूरी घटना का ब्योरा देते हुए बताया था कि उनका यह कदम स्थानीय लोगों की जान बचाने के लिए उठाया गया था. उनके मुताबिक, अगर वह हिंसक भीड़ को हटाने के लिए फायरिंग का आदेश देते तो वहां कम से कम 12 लोगों की जान चली जाती.