नई दिल्ली। रविवार को सेना पर हुए हमले के बाद सरकार ही नहीं सेना का गुस्सा भी अपने चर्म पर है।
सेना का कहना है कि बस बहुत हुआ अब हम पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारेंगे। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में यूनिट पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सेना अब पाकिस्तान से लगती 778 किलोमीटर लंबी एलओसी सीमा पर अपना रुख कड़ा करने की तैयारी में है।
भारतीय सेना ने एलओसी पर तोप की तैनाती
भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है। यही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे। सुरक्षा बलों का मानना है कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए।
पाकिस्तानी सेना के उड़े होश
एलओसी सीमा पर सेना की तैनाती करने का फैसला पाकिस्तानी सेना को भी नुकसान पहुंचाने की रणनीति है। जो लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराती रही है और उन्हें मदद करती है।
सरकार की ओर से इस बारे में विचार किया जा सकता है कि क्या सेना को पाकिस्तान की सीमा के भीतर आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमले करने चाहिए
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सरकार ने भी जारी किया फुल अलर्ट
सरकारी सूत्रों के मुताबिक एलओसी पर तैनात आर्मी बटालियनों और पश्चिमी फ्रंट पर एयर फोर्स के एयरबेस को ‘फुल अलर्ट’ पर रखा जाएगा ताकि किसी भी आकस्मिक हमले का तत्काल और कड़ा जवाब दिया जा सके।
क्या करेगी सेना
हथियार भंडारों को टारगेट करना और पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर भारी मोर्टार दागने जैसी कार्रवाई सेना की ओर से की जा सकती है। पूर्व में भी इन तरीकों से पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब दिया जाता रहा है।
सूत्र ने बताया कि यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर दूसरी तरफ से भी जवाबी कार्रवाई होगी, लेकिन उससे निपटा जा सकता है।
अब बहुत हो चुका
कुछ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में राजनीतिक निर्णय लिया जाना है ताकि पाकिस्तान को यह संदेश दिया जा सके कि अब बहुत हो चुका।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘आखिर हम कब तक माकूल जवाब दिए बिना 26/11 से लेकर पठानकोट जैसे भीषण हमले झेलते रहेंगे? हमारे रक्षात्मक रवैये से पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के दुस्साहस को ही बल मिल रहा है।’
रेड लाइन होगी पार
अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा कई तरह के सैन्य विकल्पों पर विचार किया जा सकता है। इसमें पाकिस्तानी रेड लाइन को पार करने का भी विकल्प है।
पहले विकल्प यह है कि इन्फैंट्री यूनिट्स द्वारा ट्रांस-बॉर्डर ऑपरेशन चलाया जाए। इसके अलावा दूसरा विकल्प 90 किलोमीटर तक मार करने वाले स्मर्च रॉकेट्स का प्रयोग है या फिर 290 किलोमीटर तक मार कर सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया जाए।