सेक्स की चाह में लड़को में कई परिवर्तन आते है ऐसे ही स्त्रियों को कामोत्तेजना की अनुभूति होते ही उनके शरीर में रक्त का बहाव तेजी से होने लगता है। हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। नाक, आंख, स्तन, कुचाग्र(स्तन की घुडियां), स्तन, भगोष्ठ व योनि की आंतरिक दीवारें फूल जाती हैं। योनि द्वार के अगलबगल स्थित ‘बारथोलिन’ ग्रंथियों से तरल पदार्थ निकलकर योनि पथ को चिकना कर देता है।

लड़कियों में आते है ये परिवर्तन:
योनि पथ का स्राव क्षारीय होता है, जिस कारण पुरुष के स्खलन से निकले वीर्य में मौजूद शुक्राणु जीवत, सक्रिय व तैरते रहते हैं। उत्तेजना के कारण गर्भाशय ग्रीवा से कफ जैसा दूधिया व गाढ़ा स्राव भी निकलता है, जो गर्भाशय मुख को चिकना कर देता है। इस चिकनाई के कारण गर्भाशय में शुक्राणु आसानी से प्रवेश कर जाता है।
यौन उत्तेजना के समय स्त्रियों के भीतर व गुदाद्वार के पास की पेशियां भी सिकुड़ जाती हैं। ये रुक-रुक कर फैलती-सिकुड़ती रहती हैं। इस संकुचन से स्त्री को असीम आनंद मिलता है।
संभोग के समय पुरुष स्त्री के इस संकुचन को आराम से महसूस कर सकता है और वह अपनी स्त्री को इसे और सिकोडने को कह सकता है, जिससे दोनों का आनंद दोगुना हो जाता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal