पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई के दौरान एक दूसरे से डिबेट करते-करते दो छात्र कब एक दूसरे को दिल दे बैठे पता ही नहीं चला. दोनों को बहस का शौक था. हालांकि अंग्रेजी जानते हुए भी एक हो हिन्दी में बोलने का चस्का था वहीं दूसरे को अंग्रेजी में. 70 के दशक में हरियाणा की किसी लड़की के लिए प्रेम विवाह के बारे में सोचना ही बड़ी बात थी जहां आज भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे लड़कियों को बचाने के लिए सरकार को गुहार लगानी पड़ रही है. इन दो युवाओं का मिलन अंग्रेजी और हिन्दी का मिलन था. यह समाजवाद और दक्षिणपंथ का मिलन था. हम बात कर रहे हैं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज कौशल की. कॉलेज में सुषमा एबीवीपी की सदस्य थीं, वहीं कौशल समाजवादी युग जनसभा के सदस्य थे. दोनों की विचारधारा अलग थी लेकिन दोनों एक बात पर सहमत थे वह था प्रेम.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. सुषमा के इस ऐलान के बाद उनके पति स्वराज कौशल ने उनके इस फैसले के लिए शुक्रिया अदा करते हुए कहा है कि एक समय के बाद मिल्खा सिंह ने भी भागना बंद कर दिया था. उन्होंने विदेश मंत्री के इस ऐलान के बाद एक के बाद एक लगातार ट्वीट किए. स्वराज कौशल ने लिखा, मैडम (सुषमा स्वराज) कोई और चुनाव नहीं लड़ने के आपके फैसले के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद. मुझे याद है कि एक समय के बाद मिल्खा सिंह ने भी भागना बंद कर दिया था.
स्वराज कौशल ने लिखा, यह मैराथन 1977 में शुरू हुई थी और देखते-देखते 41 साल बीत गए. आपने (सुषमा स्वराज) ने 11 चुनाव लड़ा. आपने 1977 के बाद हुए लगभग सारे चुनाव लड़े. सिर्फ दो मौकों पर 1991 और 2004 में आपने पार्टी के कहने पर चुनाव नहीं लड़ा. मैं पिछले 47 सालों से आपके पीछे-पीछे भाग रहा हूं. मैं अब 19 साल का युवा नहीं रहा. मैं भी थकने लगा हूं. सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की प्रेम कहानी कॉलेज के दिनों में शुरू हुई थी. पंजाब यूनिवर्सिटी के चंडीगढ़ के लॉ डिपार्टमेंट में दोनों की मुलाकात हुई थी. दोनों ने 13 जुलाई 1975 को शादी कर ली.
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स्वराज हिन्दी की प्रखर वक्ता हैं और एक सांसद एवं मंत्री के रूप में उन्होंने संसद एवं विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रभावी भाषण हिन्दी में दिए हैं. वह अंग्रेजी में उसी सहजता के साथ भाषण देती हैं किंतु वह प्राय: हिन्दी में ही बोलना पसंद करती हैं. दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था. मात्र 25 साल की उम्र में वह हरियाणा में कैबिनेट मंत्री बन गई थीं. स्वराज भारत की पहली महिला विदेश मंत्री हैं. इससे पहले इन्दिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए यह दायित्व निभाया था.
स्वराज तीन बार राज्यसभा सदस्य और अपने गृह राज्य हरियाणा की विधानसभा में दो बार सदस्य रह चुकी हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्री सहित विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री के रूप में संभाली थी. उन्होंने 1999 में बेल्लारी लोकसभा चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरूद्ध लड़ा था. हालांकि वह यह चुनाव सोनिया गांधी के हाथों हार गयी थीं. सुषमा को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता है. सुषमा लोकसभा में 2009-14 के बीच नेता प्रतिपक्ष थीं. वहीं स्वराज कौशल समाजवादी आंदोलन में हिस्सा ले चुके हैं. स्वराज कौशल 8 फरवरी 1990 से 9 फरवरी 1993 तक मिजोरम के राज्यपाल और 1998 से 2004 तक राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. वह एक क्रिमिनल लॉयर हैं. सुषमा की एक बेटी हैं जिनका नाम बांसुरी है.