सुरेश रैना ने टीम इंडिया में दमदार वापसी करते हुए आक्रामक बल्लेबाजी की और अपनी जगह की परवाह किए बगैर टीम हित में प्रदर्शन किया। रैना ने करीब एक साल के बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी की और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज में अपने प्रदर्शन से क्रिकेट पंडित, फैंस और टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री को काफी प्रभावित किया।
दो मैचों के बाद सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी। तीसरे मैच में रैना ने 27 गेंदों में 43 रन की उम्दा पारी खेलकर टीम इंडिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। रैना के प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को तीसरे मैच में 7 रन से हराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। रैना को उनके प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
शास्त्री ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘रैना के पास काफी अनुभव है और उनहोंने दर्शाया कि अनुभव क्या कर सकता है। मुझे उनके अंदर सबसे बढ़िया बात यह लगी कि उन्होंने बिना डर के अपनी क्रिकेट खेली। मुझे उनकी मानसिकता ने काफी प्रभावित किया क्योंकि जब आप लंबे समय के बाद टीम में वापसी करते हैं तो अपनी जगह सुरक्षित करने पर ध्यान होता है। इससे आप अपने ऊपर दबाव बना लेते हैं। मगर रैना ने इसके विपरीत अपना नैसर्गिक खेल खेला और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यह देखना काफी अच्छा लगा।’
टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में दमदार बल्लेबाज की खोज चल रही है और रैना ने आते ही दर्शा दिया कि टीम की सबसे ज्यादा जरुरत किस तरह के खिलाड़ी की है। टीम इंडिया को अगले साल इंग्लैंड में 50 ओवर का वर्ल्ड कप खेलना है और ऐसे में रैना के पास मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की करने का शानदार मौका है।
दक्षिण अफ्रीका में रैना को तीसरे क्रम पर भेजा गया और उन्होंने 88 रन बनाए। अभी बाएं हाथ के बल्लेबाज के पास निदाहास ट्रॉफी में खूब रन बनाने का मौका है, जिसमें टीम इंडिया के अलावा श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें नजर आएंगी। निदाहास ट्रॉफी टी20 सीरीज होगी। रैना का लक्ष्य इस ट्राई सीरीज में शानदार प्रदर्शन करके वन-डे टीम में वापसी करने पर होगा।