प्रिवेन्टिव कार्डियोलॉजी के यूरोपीय जर्नल ‘द फाइंडिग्स’ में छपे शोध पत्र में बताया गया है कि इस प्रकार के अस्वास्थ्यकारी जीवनशैली वाले लोगों में समय से पहले मौत होने की संभावना चार से पांच गुणा बढ़ जाती है तथा दूसरा दिल का दौरा पड़ने की भी संभावना बढ़ जाती है।
शोध के सह-लेखक ब्राजील के साउ-पाउलो सरकारी विश्वविद्यालय के मार्कोस मिनीकुची का कहना है, “हमारे शोध के नतीजों से पता चलता है कि खाना खाने के गलत तरीके को जारी रखने का नतीजा बहुत खराब हो सकता है, खासतौर से दिल के दौरे के बाद।”
उन्होंने बताया कि यह शोध दिल के दौरे के शिकार 113 मरीजों पर किया गया, जिनकी औसत उम्र 60 साल थी। इनमें 73 फीसदी पुरुष थे। इसमें पाया गया कि सुबह का नाश्ता नहीं करनेवाले मरीज 58 फीसदी थे, जबकि रात का भोजन देर से करने वाले मरीज 51 फीसदी थे, और 48 फीसदी मरीजों में दोनों तरह की आदतें पाई गई।
“एक अच्छे नाश्ते में ज्यादातर दुग्ध उत्पादों (फैट फ्री या लो फैट दूध, दही और पनीर), कार्बोहाइड्रेट (गेंहू की रोटी, सेंके हुए ब्रेड, अनाजों) और फलों को शामिल करना चाहिए।