सुप्रीम कोर्ट पंहुचा सचिन पायलट गुट कहा हमारा पक्ष भी महामहीम जरुर सुने

राजस्थान की सियासी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा विधायकों को लेकर दिए गए निर्देश पर सवाल उठाए गए हैं.

दूसरी ओर अभी सचिन पायलट गुट की ओर से भी SC में अपील की गई है कि उनका पक्ष भी जरूर सुना जाए. सर्वोच्च अदालत में ये सुनवाई कब होगी, अभी इसपर रजिस्ट्री को फैसला करना है.

03.00 PM: चीफ जस्टिस की ओर से अभी इस मामले को सुनने के लिए बेंच का गठन किया जाना है. वहीं, रजिस्ट्री जल्द ही सुनवाई की तारीख और वक्त भी बताएगी.

02.43 PM: सचिन पायलट गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी गई है. अदालत में कहा गया है कि कोर्ट बिना उनका पक्ष सुने कोई आदेश जारी ना करें.

01.30 PM: सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी ने फोन टैपिंग मामले में अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दे दी है. सरकार ने किसी तरह की फोन टैपिंग होने से इनकार किया है.

12.38 PM: सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान स्पीकर की याचिका का मामला उठा है. स्पीकर की ओर से कपिल सिब्बल ने अपील की है कि आज ही इस मामले की सुनवाई की जाए. हालांकि, चीफ जस्टिस ने कहा है कि आप इसे रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करें, वो ही बताएंगे. चीफ जस्टिस ने फिलहाल तुरंत सुनवाई से इनकार किया है. कोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्री में जाएं, वहां से ही पता लगेगा कि मामला कब सूचीबद्ध होगा.

11.22 AM: राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल कर दी है. वकील सुनील फर्नाडिंज के जरिए ये याचिका दायर की गई है.

11.04 AM: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर अपने विधायकों के साथ नजर आए. यहां होटल में बुधवार सुबह अशोक गहलोत विधायकों के पास पहुंचे.

11.04 AM: राजस्थान में विधायक खरीद-फरोख्त मामले में बांसवाड़ा भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोहर लाल त्रिवेदी को एसओजी ने पूछताछ के लिए नोटिस दिया है.

10.00 AM: विधानसभा स्पीकर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल दलील रख सकते हैं.

09.18 AM: स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि किसी विधायक को अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर का है, जबतक निर्णय ना हो जाए उस तबतक कोई इसमें दखल नहीं दे सकता है. हम संसदीय लोकतंत्र की पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी विधायक को नोटिस देना स्पीकर का काम है, हम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं. अभी तो सिर्फ नोटिस भेजा है, कोई फैसला नहीं लिया गया है.

स्पीकर ने कहा कि अगर हम कोई फैसला करते हैं, तो कोर्ट रिव्यू कर सकता है. हमारी अपील है कि विधानसभा के अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. सीपी जोशी ने कहा कि वो हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में SLP देंगे, क्योंकि अदालत स्पीकर के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने कहा है कि जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं ले, कोर्ट कोई डायरेक्शन नहीं देगा. 1992 में संविधानिक बेंच ने यह तय कर दिया है कि दल-बदल कानून पर स्पीकर ही फैसला लेगा, ऐसे में स्पीकर के निर्णय लेने के बाद रिव्यू का अधिकार हाईकोर्ट के पास है.

08.00 AM: राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. हाईकोर्ट ने स्पीकर को विधायकों पर एक्शन लेने से रोक दिया था और 24 जुलाई तक रोक लगाई थी. इस बीच आज स्पीकर मीडिया से बात करेंगे.

कांग्रेस की विधायक दल बैठक में शामिल ना होने के बाद स्पीकर की ओर से सचिन पायलट और उनके साथियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसी के बाद पायलट गुट ने हाईकोर्ट का रुख किया था, अदालत में दलील दी गई कि स्पीकर सिर्फ विधानसभा की कार्यवाही के दौरान ही ऐसे व्हिप के बाद नोटिस दे सकता है. जबकि दूसरी ओर से कहा गया कि अभी स्पीकर ने कोई एक्शन नहीं लिया है, ऐसे में अदालत इस मामले में दखल ना दे.

शुक्रवार से मंगलवार तक चली इस सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 24 जुलाई को मामले की फिर सुनवाई होगी, तबतक स्पीकर को विधायकों पर कोई कानूनी एक्शन ना लेने को कहा गया है.

एक तरफ राजस्थान में कानूनी दांव पेच जारी है, तो दूसरी ओर अब कांग्रेस की ओर से फ्लोर टेस्ट की तैयारी शुरू हो गई है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आज नहीं तो कल फ्लोर टेस्ट होना ही है, ऐसे में ये जितना जल्दी हो सके उतना अच्छा है. ताकि कुनबा ना टूट पाए. वहीं, पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नसीहत भी दे दी है. उन्होंने जिस तरह सचिन पायलट के लिए निकम्मा और नाकारा शब्द का इस्तेमाल किया, उससे हाईकमान खुश नहीं है.

अशोक गहलोत की ओर से भले ही पूरे नंबर होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वो भी इसको लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं. क्योंकि जितना नंबर चाहिए बस उतना ही है, ऐसे में अधिक नंबर होता तो कोई चिंता नहीं होती.

– अभी बीजेपी के पास 72 + 3 (RLP) + 1 निर्दलीय का समर्थन है, यानी कुल 76.

– सचिन पायलट गुट के पास 19 (जिन्हें नोटिस गया है) यानी दोनों अगर मिल जाएं तो कुल नंबर 95

– अब बाकी बचे 105 जिनपर कांग्रेस अपना दावा कर रही है, लेकिन कांग्रेस भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं है क्योंकि इनमें कुछ निर्दलीय, कुछ सचिन पायलट गुट के विधायक भी हैं.

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