शाहीन बाग प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई से फिलहाल इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि सुनवाई के लिए अभी माहौल ठीक नहीं है, अब अगली सुनवाई होली के बाद 23 मार्च को होगी।
बता दें कि यहां नागरिकता संशोधन कानून प्रदर्शनकारी काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में याचिका दायर की गई है जिसमें रास्ते पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गई थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किए गए थे, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट 24 फरवरी को कोर्ट में जमा कर दी है। अब कोर्ट रिपोर्ट पर सुनवाई करेगा।
कोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकार साधना राम चंद्रन, संजय हेगड़े लगातार 4 दिन तक प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे थे,जबकि रविवार को यहां नहीं गए। चार दिन तक उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात करके समझाने की कोशिश की उनके ये सभी प्रयास बेनतीजा निकले।
वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से एक तरफ का रास्ता खोलने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर वो सहमत नहीं हुए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से लिखित में सुरक्षा का आश्वासन मांगा है, जिसके बाद ही एक तरफ का रास्ता खोलने की सहमति दी थी।
शाहीन बाग की दादी के नाम से मशहूर अस्मा खातून ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) के खिलाफ प्रदर्शन सम्मान से जीने के लिए हैं, डर के साथ मरने के लिए नहीं। यह कानून देश में सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता से इनकार करता है।