सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के छह पुलिसकर्मियों पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पुलिसकर्मियों पर न्यायिक आदेश के बिना तीन लोगों को अवैध हिरासत में लेने व उनके किराये के परिसरों को ध्वस्त करने का आरोप है। जलगांव के छह पुलिसकर्मियों ने विजयकुमार विश्वनाथ धावले और विनोद दोधू चौधरी समेत तीन किरायेदारों को नौ मार्च 2022 को थाने बुलाया और 24 घंटे के लिए हिरासत में रखा।
पीठ ने आदेश में क्या कुछ कहा
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 30 जनवरी को दिए आदेश में कहा कि इस बीच बंदियों के किराये के परिसरों को पूर्व मालिक के रिश्तेदारों ने ध्वस्त कर दिया और किरायेदारों को परिसर खाली करने की सहमति देने के लिए कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि संपत्ति के बाद के खरीदारों ने बेदखल किरायेदारों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये का भुगतान किया था। इससे किरायेदारों, पूर्व मालिकों और छह पुलिसकर्मियों सहित 13 आरोपितों के बीच विवाद का निपटारा हुआ।
शिकायतकर्ताओं को छह-छह लाख देने का निर्देश
शीर्ष अदालत ने किराये के संपत्ति को ध्वस्त करने व किरायेदारों, पूर्व मालिकों व साजिशकर्ता पुलिसकर्मियों के बीच आपराधिक मामलों की सुनवाई बंद करने का निर्णय लिया, लेकिन पुलिसकर्मियों के कृत्य के लिए उन पर दोनों शिकायतकर्ताओं को छह-छह लाख रुपये देने का निर्देश दिया।