सुप्रिया सुले ने ध्वस्त किया अपनी ही पार्टी का एजेंडा? EVM पर बोलीं- मैं चार बार इसी मशीन से चुनाव जीती

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने ईवीएम के विरोध पर सवाल उठाकर अपनी पार्टी के एजेंडे को ही चुनौती दे दी है। उनके इस बयान से कांग्रेस को भी झटका लगा है। सुप्रिया ने कहा कि वह खुद ईवीएम से चार बार चुनाव जीती हैं। जबकि उनकी पार्टी के एक विधायक ने ईवीएम के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसका समर्थन शरद पवार ने भी किया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को ईवीएम के विरोध का विरोध करते हुए जो बयान दिया, उससे कांग्रेस को तो धक्का लगा ही है, स्वयं उनकी पार्टी का एजेंडा भी ध्वस्त हो गया।

पिछले वर्ष हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीते उनकी पार्टी के 10 में से एक विधायक ने अपने क्षेत्र में मतपत्रों से पुनर्मतदान के लिए आंदोलन चलाया था, जिसे सुप्रिया के पिता शरद पवार ने भी समर्थन किया था।

‘मैं चार बार इसी मशीन से चुनाव जीतीं हूं’

सुप्रिया सुले ने सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए कहा कि मैं चार बार इसी मशीन से चुनकर आई हूं। इसलिए ईवीएम या वीवीपैट पर सवाल नहीं उठाऊंगी। लेकिन अब ईवीएम पर कोई विपरीत टिप्पणी न करने वाली सुप्रिया सुले ने उस समय भी चुप्पी साथ ली थी, जब 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मालशिरस सीट से उनकी पार्टी के जीते हुए विधायक उत्तमराव जानकर ने अपने क्षेत्र में मतपत्रों के जरिए पुनर्मतदान कराने की जिद पकड़ ली थी।

उन्होंने नए मुख्यमंत्री के शपथग्रहण से दो दिन पहले अपने गांव मार्कडवाड़ी में मतपत्रों के जरिए पुनः मतदान भी करवा लिया था। जिसे बाद में प्रशासन ने रद कर स्थानीय लोगों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था। जानकर ने ईवीएम में हेराफेरी के सबूत के तौर पर 1,76,000 मतदाताओं के शपथपत्र भी प्रस्तुत किए थे।

‘मतदान प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता’

जानकर के इस आंदोलन के दौरान ही सुप्रिया सुले के पिता एवं राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के साथ जानकर के आंदोलन में शामिल होने मार्कड़वाड़ी गांव पहुंच गए थे।

वहां उन्होंने कहा था कि मार्कड़वाड़ी गांव के लोगों ने मतपत्रों के माध्यम से पुनर्निर्वाचन पर विचार कर करके पूरे देश को सही दिशा दिखाई है। इसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।

तब पवार ने ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि हमने ईवीएम के बारे में कुछ आंकड़े इकट्ठा किए हैं। हमने पाया है कि ईवीएम से मतदान के परिणाम अप्रत्याशित होते हैं। केवल मार्कड़वाड़ी के लोगों ने ही इस विसंगति को समझा है, और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का साहत दिखाया है। इस मतदान प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है।

उद्धव की पार्टी भी EVM पर सवाल उठाती रही है

सुप्रिया सुले की पार्टी ही नहीं, महाराष्ट्र में उनके सहयोगी दल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) भी ईवीएम पर सवाल उठाती रही हैं। अब महाराष्ट्र में 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव घोषित होने के साथ ही ईवीएम पर सुप्रिया सुले के नए विचार राज्य की राजनीति में भी उनके सहयोगी दलों के लिए बड़ा झटका हैं।

विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलनेवाले शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी इन दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाकर मतचोरी का नारा लगा रहे हैं, और ईवीएम का विरोध कर रहे हैं। लेकिन सुप्रिया सुले अब अलग लकीर पर चलती दिखाई दे रही हैं।

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