३ सवाल जो अब तक अनसुलझे रह गये हैं
१. कटप्पा ने बाहूबली को क्यों मारा
२. सलमान खान की शादी कब होगी
३. सिद्धू बीजेपी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में कब शामिल होंगे।
ये तीन सवाल सब के दीमाग पर घुमता रहता है . खैर, पहले २ सवाल पर हम बात नहीं कर के आ जाते हैं सिद्धू वाले मुद्दे पर. इस सवाल पर नवजोत सिंह सिद्धू तो खामोश हैं लेकिन केजरीवाल से अब और खामोश नहीं रहा जा रहा है।
लगभग ये तय लग रहा था की सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। और ये बात AAP के लिये तो “हाथ तो बैठे बिठाए सौगात” लगने वाली थी। खैर, AAP ने सोचा था कि नवजोत सिंह सिद्धू बिना किसी शर्त के AAP पार्टी में शामिल हो जाएंगे पर केजरीवाल यहीं मात खा गए। नवजोत सिंह सिद्धू ने भले ही इस्तीफा दे दिया है राज्यसभा से लेकिन सिद्धू दिल से आज भी भाजपाई हैं और यही बात अरविंद केजरीवाल को परेशान कर रही थी और उन्हे संशय मैं डाल रही थी. काफी कोशिश हुई कि मोदी प्रेम को सिद्धू के दिल से निकाला जा सके। पर कामयाबी नहीं मिली।
यह भी पढ़ें:- बलूचिस्तान में जलाया गया पाक का झंडा, pm मोदी के समर्थन में लगे नारे
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सिद्धू ने AAP में शामिल होने के लिए कोई शर्त वगेरा नहीं रखी थी और सिद्धू पार्टी AAP मैं शामिल हों या न हो उनके लिए इज्जत और सम्मान हमेशा रहेगा और वो एक बहूत ही नेक इंसान हैं। इन बयानों ने तस्वीर पर पडी धूल साफ़ कर दी है। दरसल राजनीति में ऐसे बयान तब दिये जाते हैं जब कोई दाल नहीं गल पाती है।
केजरीवाल अब चिढ़े हुए हैं और उनकी चिढ़ का कारण है कि सिद्धू के दिल से वो नरेंद्र मोदी के लिए सम्मान और प्रेम को कम नहीं कर पाए। सिद्धू के ब्रेन वॉश करने की काफ़ी कोशिश की गई पर कामयाबी नहीं मिल्ली. जब सारी कोशिशें बेकार गयी तो केजरीवाल ये कह कर निकल लिए कि सिद्धू के लिए उनके मन में बहुत ज्यादा इज्जत है। ये साधारण नहीं एक सियासी बयान है।
यह भी पढ़ें:- आतंकियों ने बनाई हिंदुओं को मारने की लिस्ट
राज्यसभा से सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया लेकिन बीजेपी में अब भी बने हुए हैं। अगर आप उनकी वेबसाइट देखते हैं तो साफ पता चलता है की बीजेपी उनके लिए क्या मायने रखती है। वेबसाइट के मुताबिक सिद्धू अभी भी अमृतसर से लोकसभा सांसद हैं। हालांकी सिद्धू कि वेबसाइट कई दिनों से अपडेट नहीं हुई है मगर इतना तो इशारा जरूर मिल रहा है कि सिद्धू बीजेपी के प्रति समर्पित नेता हैं।
एक तस्वीर भी है सिद्धू की वेबसाइट पर , वहां लिखा है ” devoted to his party” यानि भाजपा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। AAP से बातचीत टूटना और केजरीवाल का बयान आना एक इशारा हैं जिसे समझने की जरूरत है। सार्वजनिक मंचों से सिद्धू कई बार पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
भाजपा भी ये कह चुकी है कि सिद्धू ने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है और पार्टी से उन्हे नहीं निकालेंगे, अगर चाहें तो वो पार्टी छोड़कर जा सकते हैं। अब विचार करने वाली ये है कि राज्यसभा से इस्तीफा देने के १ महिने बाद भी सिद्धू ने भाजपा से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। क्या सिद्धू पार्टी को समझाना चाह रहे थे कि पंजाब में उन्हे बड़ी जिम्मेदारी दी जाए या अपने लिये वो विकल्प तलाश कर रहे थे?
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार AAP कि तरफ़ से सिद्धू से कहा गया कि उन्हे भाजपा के खिलाफ खुलकर हमला बोलाना होगा। यहां तक कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी कहना होगा। सिद्धू को ये बात मंजूर नहीं थी। मोदी के खिलाफ वो केजरीवाल की भाषा बोलने के लिए तैयार नहीं थे।
यह भी पढ़ें:- ISIS ने जारी की लड़कियों की नई रेट लिस्ट
वहीं आप के सूत्रों का कहना है कि सिद्धू से बात इसलिए नहीं बनी क्योंकि वो सीएम उम्मीदवार बनना चाह रहे थे। ये कहना संभव नहीं है कि किसकी बातों में दम है लेकिन एक बात साफ है कि मोदी के खिलाफ सिद्धू कुछ न कुछ बोल सकते हैं न ही कुछ सुन सकते हैं। यही एक कारण है जिसके चलते केजरीवाल ने उनके लिए आप के दरवाजे बंद कर दिए हैं।