सभी महीनों में सावन को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस माह में महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और शिव जी की कृपा से सभी मुरादें पूरी होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं सावन में कैसे करें महादेव को प्रसन्न।
स्वामी कृष्णा पुरी (व्यवस्थापक महादेव, श्री चंदेश्वर मंदिर)। सावन सृष्टि की पूजा का महीना है। प्रकृति की हरियाली से भरने वाला यह महीना धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह मनुष्य के लिए आत्मशुद्धि करने और आंतरिक शांति पाने का महीना भी है। सावन मास में शिव भक्त अपने आराध्य देव की पूजा कर रुद्राभिषेक आदि करते हैं। सोमवार के दिन व्रत का माहात्म्य है।
भगवान शिव के रूप में देते हैं कई संदेश
जो भक्त सच्चे मन और भाव से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह महीना हमें अपने मन के विकारों को दूर करना भी सिखाता है। हम केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी जीवन में कुछ करें। भगवान शिव के कई रूप हैं और हर रूप अलग-अलग संदेश देता है। देवों के देव भगवान शिव अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप
भगवान शिव सब जगह व्याप्त हैं। उनकी आराधना भक्त को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करती है। यह समय मनुष्य का प्रकृति से सीधे जुड़ने का अवसर भी है। कहते हैं कि जब कोई भक्त ‘ॐ नमः शिवाय’ के उच्चारण के साथ जल भगवान शिव को अर्पित करता है, तो वह अपनी सारी चिंताओं को शिव के चरणों में समर्पित कर देता है।
जरूर करें महामृत्युंजय जाप और शिव चालीसा का पाठ
रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, शिव चालीसा, रुद्राष्टक का पाठ इस माह में विशेष फलदायी माना गया है। श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का भी विशेष माहात्म्य है। कांवड़ यात्री गंगाजल के साथ पैदल यात्रा कर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यह यात्रा भक्ति, अनुशासन और सेवा की भावना को भी प्रतिबिंबित करती है।