रावण अपनी कैद में रखकर भी माता सीता को क्यों नहीं छू पाया था। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या थी। वनवास के समय प्रभु राम अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ कुछ दिन पंचवटी में ठहरे थे, पंचवटी से ही लंकापति रावण ने ब्राह्मण की भैंस में भिक्षा मांगने के बहाने माता सीता का हरण कर लिया था।
सीता को छू नहीं पाया था रावण:
रावण ने माता सीता को 2 माह का समय दिया और राक्षसी की सुरक्षा में माता सीता को छोड़कर चला गया। उन्हीं राक्षसी में से एक राक्षसी ऐसी थी, जो माता सीता को अपनी पुत्री की तरह मानती थी और उसने माता सीता से कहा पुत्री तुम डरो मत रावण तुम्हारी मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता है। उसके बाद माता सीता ने उससे पूछा, ”लेकिन माता रावण मेरे सहमति के बिना मुझे क्यों नहीं छू सकता है।”
ये थी सीता को ना छूने की वजह:
रावण अपने त्रिलोक विजय अभियान के दौरान रावण स्वर्ग लोक पहुंचा, वहां उनकी मुलाकात एक रंभा नाम की अप्सरा से हुई। रंभा की सुंदरता देख रावण उस पर मोहित हो गया और रावण ने उसे पकड़ लिया तब रंभा ने उसे कहा आप मेरे साथ जबरदस्ती ना करें। मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं, लेकिन लाख मना करने के बावजूद भी रावण ने उसके साथ दुराचार किया। यह बात जब कुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया, कि, ”हे रावण आज के बाद अगर तुमने किसी भी स्त्री की इच्छा के बिना उसको स्पर्श भी किया, तो तुम्हारा मस्तक सौ टुकड़ों में बट जाएगा। इस कारण पुत्री सीता तुम्हारी सहमति के बिना रावण तुम्हें छू भी नहीं सकता है।”