देश में जानलेवा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है. पक्ष और विपक्ष कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के बजाय पिछले कुछ दिनों से आपस में ही भिड़ रही हैं.
बीजेपी उद्धव सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह कोरोना से लड़ने में नाकाम रही, इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए.
इस बीच बीजेपी-एनसीपी के नेता लगातार राज्यपाल भरतसिंह कोश्यारी से मुलाकात कर रहे हैं, जिसको लेकर अब शिवसेना राज्यपाल पर ही हमलावर हो गई है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और विरोधियों पर निशाना साधा है. सामना में लिखा है.’’राज्यपाल जिन नियुक्तियों के अधिकार की बात कर रहे हैं, वो सिर्फ संविधान में संशोधन करके ही मिल सकते हैं.
राज्यपाल संघ का झंडा उठाने वाले संत महात्मा हैं. ऐसे महात्मा आग लगाने का काम करेंगे, ये विश्वास नहीं किया जा सकता है.’’
सामना में आगे लिखा है, ‘’उम्मीद थी गर्मी होगी तो वायरस मरेगा, लेकिन गर्मी भी है और वायरस भी है. सरकार विरोधियों का कीड़ा भी बिलबिला रहा है.
राजभवन की आबोहवा खाना-पीना अच्छा है, इसलिए राज्यपाल से मिलने वालों का सिलसिला लगा रहता है. सरकार बनाने और बिगाड़ने वाले आते रहते हैं.’’
बता दें कि पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाक़ातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हो रही गुप्त बैठकों ने गठबंधन की सरकार पर कांग्रेस के महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान से भी साफ हो गया है कि कांग्रेस की गठबंधन की इस सरकार में बन रहने की ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है. ऐसे में क्या कांग्रेस को अलग रखकर शिवसेना-एनसीपी, बीजेपी के साथ सरकार बनाने के तरफ़ बढ़ रहे हैं?