स्वास्थ्य विभाग के रिटायर अफसर-कर्मचारी साइबर ठगों के निशानों पर आ गए हैं। पिछले कुछ दिनों में ही 10 से ज्यादा अफसर-कर्मचारी साइबर ठगों की कॉल आने की जानकारी कोषागार के अधिकारियों को दे चुके हैं। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों के रिटायरमेंट का डेटा इनके हाथ लग चुका है।
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जिसका फायदा उठाकर साइबर ठग इनसे संपर्क साध रहे हैं और झांसे में आने वालों के खाते खाली कर दे रहे हैं। वर्तमान समय में सभी विभागों में डिजिटल काम करने पर जोर दिया जा रहा है। कई विभागों में कर्मचारियों का डेटा भी ऑनलाइन उपलब्ध रहता है। इसके तहत कर्मचारियों की पेंशन, खाता नंबर, इम्प्लायी कोड, पता, समेत कई जानकारियां होती हैं।
सूत्रों का कहना है कि साइबर ठग स्वास्थ्य विभाग के रिटायर अफसर-कर्मचारियों की ऑनलाइन जानकारी जुटाकर उन्हें कॉल और मैसेज कर रहे हैं। झांसे में आने वालों से फोन पर बात की जाती है। इसके बाद कोई लिंक भेजकर या अन्य माध्यमों से उनके खाते से रकम निकाल ली जाती है।
जागरूकता की वजह से बचे जानकारी के अनुसार 10 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों के पास पेंशन संबंधी फोन काल व व्हाट्एप मैसेज आ चुके हैं। उनके साथ भी वही प्रक्रिया अपनाई गई जैसी पूर्व पीएमएस डॉ. हरीश लाल के साथ हुई। जागरूकता लोगों ने ऐसी कॉल पर विश्वास नहीं करते हुए तुरंत कोषागार के अधिकारी कर्मचारियों से संपर्क किया। जिसके चलते वह ठगी से बच गए।
संगठनों को किया आगाह
अलग-अलग विभागों के पेंशनर कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन हैं। डॉ. हरीश लाल से हुई ठगी के बाद कोषागार के अधिकारी पेंशनरों के संगठनों से संपर्क साधने में लग गए हैं। उनसे कहा जा रहा है कि कोई भी पेंशनर अपनी डिटेल किसी से भी शेयर नहीं करे। फोन कॉल या मैसेज आने पर कोषागार में संपर्क करें।
पेंशनरों के साथ हो रही ठगी की घटना के बाद से कोषागार में तैनात अधिकारी कर्मचारी विशेष एतिहात बरत रहे हैं। हम लोग व्यक्तिगत व पेंशनरों के संगठन से संपर्क कर उन्हें जागरूक कर रहे हैं।