सरकार ने टैक्स रियायतों के जरिये बचत प्रोत्साहित करने की नीति खत्म कर दी है. अंशुमान तिवारी के मुताबिक, ‘टैक्स स्लैब में किए गए इस बदलाव के बाद अब बचत में गिरावट बढ़ेगी.

क्योंकि जो रियाततें वापस ली गई हैं उसके तहत बीमा, मेडिक्लेम, छोटी बचत स्कीमों पर असर पड़ेगा. इस वजह से हाउसिंग भी प्रभावित होगी, अब होम लोन पर टैक्स छूट भी नई स्कीम का हिस्सा होगी. ब्योरे के लिए फाइनेंस बिल का इंतजार करना होगा’.
लेखा परीक्षा के लिए कुल कारोबार की उच्चतम सीमा 5 करोड़ रुपये सस्ते मकान की खरीद के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती को एक वर्ष बढ़ाने का प्रस्ताव.
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