भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र बलों से संबंधित समग्र चिकित्सा नीति मामलों के लिए डीजीएएफएमएस सीधे रक्षा मंत्रालय के लिए जिम्मेदार है।
वाइस एडमिरल आरती सरीन ने आज सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (DGAFMS) की महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला। वह त्रि-सेवा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र बलों से संबंधित समग्र चिकित्सा नीति मामलों के लिए डीजीएएफएमएस सीधे रक्षा मंत्रालय के लिए जिम्मेदार है। बता दें, सरीन भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा देने वाली सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला अधिकारी बन गई हैं।
LAC पर चीन द्वारा किया जा रहा गांव का निर्माण, क्या बोलें सेना प्रमुख?
चीन और भारत के बीच तनाव लंबे समय से बना हुआ है। बीजिंग अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार गांव बसा रहा है। क्षेत्र में चीन और भारत के बीच बढ़ते सैन्य गतिरोध पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील हैं यानी की हालात सामान्य नहीं हैं।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि दोनों पक्षों के बीच विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक वार्ता के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, लेकिन किसी भी योजना को लागू करना जमीनी स्तर पर मौजूद सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है।
बता दें, सेना प्रमुख ने चाणक्य रक्षा वार्ता से पहले एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। इससे पहले, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपने गतिरोध से संबंधित लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो दौर की राजनयिक वार्ता की थी।
एलएसी पर चीन द्वारा गांवों का निर्माण करने पर द्विवेदी ने कहा, ‘वे कृत्रिम प्रवासन, बस्तियों का निर्माण कर रहे हैं। कोई समस्या नहीं है यह उनका देश है, वे जो चाहें कर सकते हैं। लेकिन हम दक्षिण चीन सागर में क्या देखते हैं। जब हम ग्रे जोन की बात करते हैं, तो शुरू में हम मछुआरों और उस प्रकार के लोगों को पाते हैं जो सबसे आगे हैं।
उन्हें बचाने के लिए, फिर आप सेना को अंदर जाते हुए पाते हैं। जहां तक भारतीय सेना का सवाल है, हमारे यहां पहले से ही इस प्रकार के आदर्श गांव हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अब राज्य सरकारों को उन संसाधनों को लगाने का अधिकार दिया गया है और यही समय है जब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार द्वारा पर्यवेक्षण सभी एक साथ आ रहे हैं। इसलिए अब जो मॉडल गांव बनाए जा रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे।’
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