सर्दियों में भारतीय शैली की भोजन थाली में बथुए का रायता स्वाद को उम्दा बना देता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सामान्य साग समझे जाने वाले बथुआ के बारे में अधिकांश लोगों को इसके औषधीय गुणों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) के कमजोर होने से कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। बथुआ की सब्जी में सेंधा नमक मिलाकर, छाछ के साथ सेवन करें। इससे रोग से लड़ने की शक्ति मजबूत होती है।
बथुआ त्वचा रोग दूर करने में भी सहायक है। अपने रक्तशोधक गुणों के कारण सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़े, कुष्ट आदि चर्म रोगों में नित्य बथुआ उबालकर, इसका रस पीने और तथा सब्जी खाने से लाभ होता है।
देश में लोगों की अस्वास्थ्यकर जीवन शैली के कारण पाचन तंत्र से संबंधित रोग बढ़ रहे हैं। वहीं डायबिटीज जैसे रोगों के फलस्वरूप अधिकांश लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। बथुआ फाइबर का प्रमुख स्रोत है, जो पाचन तंत्र से संबंधित रोगों जैसे कब्ज आदि को दूर करने में अत्यंत सहायक है।