कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि इन तीनों कानूनों को वापस लिए जाने तक उनकी पार्टी पीछे नहीं हटेगी. गुरुवार को भी राहुल ने कानूनों को लेकर सरकार को घेरा था. मदुरई में उन्होंने दावा किया था कि सरकार तीनों कानूनों को वापस लेने पर मजबूर हो जाएगी.
उप राज्यपाल के निवास के निकट आयोजित कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल राहुल गांधी ने कहा, ‘कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के माध्यम से किसानों की जमीन छीनने का प्रयास किया था. कांग्रेस ने उसे रोका. भाजपा एक बार फिर किसानों पर आक्रमण कर रही है.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘ये तीनों कानून किसानों की मदद करने के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें खत्म करने के लिए हैं. सरकार कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है. सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने होंगे. सरकार जब तक ये कानून वापस नहीं लेगी तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटने वाली है.’ इससे पहले, राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रहे हैं. आज पूरा भारत किसानों पर अत्याचार व पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहा है. आप भी जुड़िये और इस सत्याग्रह का हिस्सा बनिये.’
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने शुक्रवार को ‘किसान अधिकार दिवस’ मनाया. इसके तहत पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदेश मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया और राज्यपालों एवं उप राज्यपालों को ज्ञापन सौंपें. मुख्य विपक्षी पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार’ हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया.
वहीं, शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 9वें दौर की मुलाकात जारी है. बीते 8 बार हो चुकी मुलाकातों में कोई ठोस बात पर सहमति नहीं बन पाई है. दिसंबर में हुई चर्चाओं में पराली जलाने और सब्सिडी से जुड़ी मांगों पर हुई बहस सफल रही थी. खास बात है कि दिल्ली की सरहदों पर जारी नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध में सुप्रीम कोर्ट भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है. अदालत ने मामले के निपटारे के लिए एक समिति गठित की है.