समाज के लोगों के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की सुंदर धारणा होनी चाहिए: संघ प्रमुख मोहन भागवत

संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने शहर की आबादी का तीन प्रतिशत और गांव की एक फीसद आबादी को स्‍वयंसेवक बनाने का लक्ष्‍य दिया है। शाखाओं की संख्‍या बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि संगठन को समृद्ध बनाएं।

रांची में आयोजित संघ समागम में शरीक होने पहुंचे संघ प्रमुख ने अपने पांच दिवसीय प्रवास के आखिरी दिन रविवार को राजधानी के माहेश्‍वरी भवन में तीनों प्रांतों के गतिविधि प्रमुखों के कार्यों की समीक्षा की।

आरएसएस चीफ ने उत्‍तर पूर्व क्षेत्र के साथ बिहार और झारखंड के पदाधिकारियों से अलग-अलग सत्रों में गूढ़ विषयों पर लंबी चर्चा की। रांची के माहेश्‍वरी भवन में संघ समागम की इस अहम बैठक में ग्राम विकास, सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण, संयुक्‍त परिवार समेत अन्‍य मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

संघ प्रमुख ने जैविक खेती और गो संवर्धन पर भी खास जोर दिया। पांच दिवसीय प्रवास के बाद संघ प्रमुख डाॅ मोहन भागवत रांची से देवघर के लिए रवाना हो जाएंगे।

संघ प्रमुख ने बीते दिन स्‍वयंसेवकों के चरित्र को अनुकरणीय बनाने की सीख दी। ताकि समाज के लोगों के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की सुंदर धारणा बने।

सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने स्‍वयंसेवकों को संघ के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उदृत करते हुए कहा कि उनकी छवि के हिसाब से ही संघ का आकलन किया जाता है, ऐसे में उन्‍हें अपना चरित्र सुदृढ़ बनाना चाहिए।

डॉ भागवत ने सामाजिक समरसता पर खास जोर दिया। वरिष्‍ठ कार्यकर्ताओं को उन्‍होंने कहा कि जो एक बार स्‍वयंसेवक बन जाता है, उसे संभालकर रखना उनकी जिम्‍मेवारी है। उन्‍होंने स्‍वयंसेवकों के परिवार की चिंता करने और सामाजिक भेद-भाव को दूर करने को कहा।

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