सफेद ‘नमक’, सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है खाते समय बरतें ये एहतियात…

ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आंतों में सूजन का खतरा बढ़ जाता है। हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। इसमें यह भी पाया गया कि उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों में अगर नमक ज्यादा हो, तो दुष्प्रभाव बढ़ जाता है। अमेरिका में करीब तिहाई वयस्क आबादी आंतों में सूजन की परेशानी से ग्रस्त है। यह परेशानी पेट में ज्यादा गैस बनने के कारण होती है। पेट में यह गैस उन बैक्टीरिया के कारण बनती है, जो फाइबर को पचाने में भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिकों ने दो दशक पहले किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए नए निष्कर्ष दिए हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्यादा फाइबर वाले खाने में नमक की मात्रा बढ़ जाने से गैस की समस्या भी बढ़ जाती है। अगर फाइबर वाला खाद्य खाना है, तो उसमें नमक की मात्रा कम रखनी चाहिए। शोधकर्ताओं की मानें तो नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो शरीर की कोशिकाओं का खात्‍मा जल्‍दी कर देती है। इसके शोधकर्ताओं ने यह दावा भी किया है कि यह खतरा उन युवाओं को अधिक है जो कम उम्र में मोटापे का शिकार हो जाते हैं। हालांकि यदि भोजन में नमक की मात्रा रखा जाये तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

कितना नमक है जरूरी-

ज्यादा नमक हाई ब्लड प्रेशर और कम नमक लो ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। कम या अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से मांसपेशियों में ऐंठन हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि नमक की उचित मात्रा का सेवन किया जाये। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को प्रतिदिन 2/3 चम्मच से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए। नमक की इतनी मात्रा से रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। दूसरी तरफ निम्न रक्तचाप के मरीजों और खिलाड़ियों को डाइट में नमक की मात्रा बढ़ानी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक व्‍यक्ति को अपने जीवन के विभिन्न स्तरों पर प्रतिदिन निम्‍‍नलिखित मात्रा में नमक की आवश्यकता होती है-

0-12 महीने : एक ग्राम से कम

1 से 3 साल : 2 ग्राम (0.8 ग्राम सोडियम)

4 से 6 साल : 3 ग्राम (1.2 ग्राम सोडियम)

7 से 10 साल : 5 ग्राम (2 ग्राम सोडियम)

11 साल और उससे ऊपर : 6 ग्राम (2.4 ग्राम सोडियम)

क्यों सोडियम है खतरनाक-

शरीर पर सोडियम और पौटैशियम के असर को समझने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 15 साल तक 12 हजार लोगों पर अध्ययन किया। इस शोध के दौरान 2270 लोगों की मौत दिल के दौरे के कारण हुई या फिर ब्लड क्‍लॉटिंग के कारण हुई। इस शोध में कहा गया है कि अधिकतर लोग अधिक सोडियम और कम पोटैशियम लेने की गलती करते हैं।

नमक का अधिक सेवन गुर्दे के लिए खतरनाक-

हमारे शरीर के लिये नमक की मात्रा निर्धारित है अगर इसकी मात्रा उससे कम या ज्‍यादा हुई तो संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर को रोग होने लगते हैं। नमक के अधिक प्रयोग से हम कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ सकते है अपने भोजन में अधिक नमक खाने वाले लोग थोड़ा सावधान हो जाएं क्योंकि उनकी यह आदत उन्हें गुर्दे की पथरी और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों में कमजोरी) जैसी खतरनाक बीमारियों का शिकार बना सकती है।

खाने में अधिक नमक के प्रयोग से दिल को खतरा-

नमक खाने का स्वाद बढ़ा भी सकता है और बिगाड़ भी। लेकिन अधिकतर लोग यह बात नहीं जानते कि नमक सेहत के साथ भी वही करता है जो खाने के स्वाद के साथ। अधिक नमक खाने से उम्र कम होती है और दिल का दौरा भी पड़ सकता है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग रोज की जरूरत से दोगुना ज्यादा नमक खाते हैं उसका सीधा असर उनकी उम्र पर पड़ता है और उनको दिल की बीमारियां भी जल्दी होने लगती हैं।

बरतें थोड़ी सावधानी-

ऐसे में दिल का दौरा रोकने के लिए खानपान में एहतियात बरतने की जरूरत है। इसके लिए फल-सब्जियां और दूध, दही आदि का सेवन अधिक कीजिए। अधिक सोडियम युक्त आहार खासकर डिब्बा बंद खाने से परहेज कीजिए। अगर आप बाहर खाते हैं तो वहां भी नमक की मात्रा का ध्यान रखें।

बढ़ता है ब्लड प्रेशर-

अधिक सोडियम रक्त‍ संचार बढ़ा देता है। जबकि दूसरी तरफ पोटैशियम उसे कम करता है ताकि शरीर का संतुलन बना रहे। लेकिन अगर शुरू में अधिक नमक का सेवन किया जाये तो ब्लड प्रेशर बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने के आसार 200 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा-

खाने में नमक की अधिकता से टखने में सूजन और मोटापे की समस्या बढ़ती है। इसके कारण हड्डियां पतली होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।

ये हैं जरूरी सुझाव-

  • सलाद में नमक न डालें
  • भोजन की मेज पर नमक न रखें
  • अपने आहार में नमक के स्रोतों का हिसाब लगाएं
  • मेज पर रखे खाद्य पदार्थो में ऊपर से नमक न डालें
  • जहां भी संभव हो, सफेद नमक की जगह काले नमक का प्रयोग करें
  • दालों और पकाई हुई सब्जियों को छोड़कर बाकी भोजन में ऊपर से नमक न डालें
  • प्रोसेस्ड और फ्रोजन फूड से सावधान रहें, क्योंकि इनमें नमक बहुत अधिक होता है

बढ़ता है संक्रमण रोगों का खतरा-

भारतीय आहार सोडियम से भरपूर होता है और नमक की अधिक खपत गैर-संक्रमणीय बीमारियों के लिए सबसे बड़ा योगदान कारक है। समय के साथ अत्यधिक नमक गुर्दे को अपूरणीय क्षति का कारण बन सकता है। ज्यादा नमक रक्तचाप बढ़ाता है, जिसे हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है। उच्च रक्तचाप धमनियों को कठोर कर सकता है, जिससे रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी आती है। इससे चेहरे में ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी आती है और त्वचा सूखने के अलावा तेजी से झुर्रियां भी पड़ सकती हैं। इससे व्यक्ति की उम्र बढ़ी हुई दिखती है। स्वास्थ्य पर और भी कई नेगेटिव प्रभाव पड़ते हैं।

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