फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में सपा को समर्थन पर सफाई देते हुए मायावती ने कहा कि इन दोनों सीटों पर बसपा ने पूर्व की भांति अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। मैंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि जो भी विपक्षी उम्मीदवार बीजेपी को हराता नजर आए उसे अपना कीमती वोट दो। सपा उम्मीदवार को वोट देने के निर्देश को उन्होंने तथ्यों से परे बताया।
मीडिया द्वारा गठबंधन की खबरों को प्रचारित करने पर मायावती जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन नहीं बल्कि वोटों का हस्तांतरण है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान और गुजरात चुनाव में भी मीडिया द्वारा इस तरह की झूठी खबरों को फैलाया गया था।
मायावती ने आगामी राज्यसभा और विधानसभा चुनावों में भी इस तरह के वोटों का ट्रांसफर होने की बात स्वीकार की, लेकिन उन्होंने इसे गठबंधन कहने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और ऐसा पहले भी होता रहा है।
मायावती ने कहा कि सपा से वोटों के ट्रांसफर को लेकर बात हुई है। जिसके तहत वह हमारे कैंडिडेट को राज्यसभा में पहुंचाने के लिए वोट देंगे, वहीं हम उनके कैंडिडेट को विधानसभा में जीत दिलाने के लिए वोट देंगे।
कांग्रेस के साथ गठबंधन की खबरों पर भी मायवती ने रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को मध्य प्रदेश में हमारे विधायकों का वोट चाहिए तो यहां होने वाले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों को हमारे पक्ष में खुला मतदान करना होगा। बदले में बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में खुला समर्थन देने का वादा किया।