सपा का विधानपरिषद में बहुमत अहमद हसन को बनाना चाहती है सभापति

यूपी विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नामांकन करने वाले भाजपा के 10 व समाजवादी पार्टी के दो प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। इसकी घोषणा गुरुवार को कर दी गई।

भाजपा की तरफ से उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, लक्ष्मण आचार्य, महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला,  अश्विनी त्यागी, कुंवर मानवेन्द्र सिंह, सुरेंद्र चौधरी, धर्मवीर प्रजापति, अरविंद कुमार शर्मा और सलिल विश्नोई विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सपा के अहमद हसन और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए शपथ दिलाई गई।

बता दें कि सोमवार को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन तक सपा के दो, भाजपा के दस व एक निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा सहित 13 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। महेश के पास दस प्रस्तावक न होने के कारण उनका नामांकन निरस्त हो गया जिसके साथ ही सभी भाजपा के 10 व सपा के दो उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था। गौरतलब है कि महेश शर्मा ने गत नवंबर में राज्यसभा की दस सीटों पर हुए चुनाव में भी नामांकन दाखिल किया था। उस समय भी प्रस्तावक न होने के कारण उनका नामांकन निरस्त किया गया था।

अब यूपी की 100 सदस्यीय विधान परिषद में सपा के 51 सदस्य हो गए हैं। सदस्यों की संख्या के आधार पर परिषद में सपा का ही बहुमत है। ऐसे में सपा अहमद हसन के लिए सभापति पद की दावेदारी करेगी। राज्यपाल ने वरिष्ठतम सदस्य के नाते अहमद हसन को प्रोटेम सभापति मनोनीत नहीं किया तो सपा नवनियुक्त प्रोटेम स्पीकर के खिलाफ संकल्प ला सकती है।

हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए वरिष्ठतम सदस्य की बाध्यता नहीं है। यह केवल परंपरा है। सपा ने परंपरा को देखते हुए ही अहमद हसन को उम्रदराज होने के बावजूद पांचवीं बार परिषद भेजा है।

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