दिल्ली: भारत मंडपम में शनिवार को ओम सनातन न्यास की ओर से आयोजित सनातन संत सम्मेलन में देशभर से आए 200 से अधिक संतों, विद्वानों और युवा छात्रों ने एक मंच पर जुटकर सनातन संस्कृति के भविष्य, उसकी भूमिका और वैश्विक स्तर पर उसके प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। सम्मेलन में मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि भारत यदि फिर से विश्वगुरु बनना चाहता है, तो आधुनिक तकनीक और सनातन ज्ञान की सामूहिक ताकत को दुनिया के सामने प्रभावी ढंग से रखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यास के संरक्षक गोविंद देव गिरी ने की। गोविंद देव गिरी ने कहा, समय आ गया है कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के स्थान पर एसआई यानी सनातन इंटेलिजेंस विकसित की जाए। यह एसआई विश्व के विद्वानों और वास्तविक साक्ष्यों के आधार पर तैयार होगी, ताकि सनातन ज्ञान को प्रमाणिक और वैश्विक रूप में प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने बताया कि सनातन परंपरा और आध्यात्मिक ज्ञान को डिज्नी वर्ल्ड की तरह एक विशाल सनातन धरोहर पार्क में प्रदर्शित करने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। यह पार्क वृंदावन या किसी उपयुक्त स्थान पर बनेगा और दुनिया को सनातन की जड़ों से जोड़ने का केंद्र बनेगा।
संतों ने कहा कि कई सभ्यताओं को मिथक कहकर पेश किया गया है। इन सभ्यताओं के प्रमाण, परंपराएं और अवशेष सनातन संस्कृति की वैश्विक जड़ों को साबित करते हैं। इसके आधार पर ग्लोबल कल्चरल एटलस बनाया जाएगा। इसके साथ ही 2026 में ग्लोबल सनातन कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का फैसला लिया गया। इसमें 108 देशों से संपर्क कर संतों, बुद्धिजीवियों और विचारकों को बुलाया जाएगा।
यह समय एकजुट होने का है – जैन मुनि डॉ. लोकेश
जैन मुनि ने कहा कि आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसलिए नापाक ताकतें देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी सनातन परंपराओं को एकजुट होना होगा।
बच्चे रामायण-बाल्मीकि से दूर हो रहे, ये चिंता का विषय – देवकीनंदन ठाकुर
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा सनातनी समाज अपने बच्चों को अपने ग्रंथों से दूर कर बैठा। उन्होंने कहा कि अब समय है कि गीता और कंप्यूटर दोनों साथ हों। साइंस विद सनातन ही आने वाली पीढ़ी की ताकत बनेगी।
गुरु तेग बहादुर का बलिदान याद रखना होगा – चंडोक
परमजीत सिंह चंडोक ने कहा, गुरु तेग बहादुर ने सनातन की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि धर्मों की विविधता के बावजूद हमारा मूल धर्म एक है।
सनातन सम्मान भी मिला
समाज के लिए अच्छा काम करने वाले लोगों को सनातन रत्न सम्मान और सनातन भक्ति सम्मान दिए गए। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी सम्मानित किया गया। दीपक सिंघल ने कहा कि सम्मेलन का संदेश साफ रहा कि भारत के आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का संगम ही आने वाले समय में विश्व को दिशा देगा।
सात बड़े संकल्प
सनातन संस्कृति को वैश्विक संकटों का समाधान मानते हुए इसका संस्थागत ढांचा विकसित करना
आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया के माध्यम से सनातन को हर घर तक पहुंचाना
वृंदावन में वैश्विक सनातन धरोहर पार्क की स्थापना की पहल
मंदिर, विहार, स्तूप और गुरुद्वारों को शिक्षा व संस्कृति के मजबूत केंद्र के रूप में विकसित करना और ध्वस्त स्थलों का पुनर्निर्माण करना
विश्व की प्राचीन सभ्यताओं के तथ्य संग्रह कर सांस्कृतिक एटलस बनाना
2026 में वैश्विक संत सम्मेलन आयोजित करना
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को संकल्प सौंपकर कल्चरल एडवाइजरी काउंसिल, सनातन स्वास्थ्य प्रणाली, सनातन विश्वविद्यालय और अनुसंधान बजट के सुझाव देना
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