मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में हुए बहुचर्चित हत्याकांड के आरोपी हिम्मत पाटीदार को रतलाम पुलिस ने बीती रात राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस पूछताछ के अनुसार हिम्मत ने टीवी और फिल्मों को देखकर इस तरह के हत्याकांड की पूरी साजिश रची.
सुनियोजित तरीके से रची गई साजिश का पर्दाफाश होने के बाद एसपी गौरव तिवारी के मार्गदर्शन एवं एएसपी प्रदीप शर्मा के निर्देशन में गठित पुलिस टीमों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां एक-दूसरे को साझा करते तीन टीमें पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान रवाना की गई थीं. भागने के समस्त रेल, बस मार्ग को सीसीटीवी के माध्यम से पुलिस ने खंगालना शुरू किया. सायबर टीम लगातार इसके परिजनों की गतिविधियों पर नजर रखी थी.
इसी दौरान पुलिस को महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे कि हिम्मत घटना के बाद से लगातार ट्रेन एवं बस से भ्रमण कर रहा है. पुलिस की नजर आसपास के जिलों के सभी धार्मिक स्थल, धर्मशाला, होटल, लॉज पर बनी हुई थी. तभी 30 जनवरी को सायबर टीम को जानकारी मिली की आरोपी पिछले 2-3 दिनों से जिला प्रतापगढ़ में एक धार्मिक स्थल की धर्मशाला में रुका है. उसको तलाश करती पुलिस ने देर रात हिम्मत को राजस्थान जिला प्रतापगढ़ की धर्मशाला से पकड़ा. पुलिस गुरुवार सुबह आरोपी को लेकर रतलाम पहुंची है.
26 लाख रुपये का कर्जा वापिस न देना पड़े इसलिए रची साजिश
पुलिस के अनुसार आरोपी हिम्मत ने प्रारंभिक पूछताछ मे बताया कि उस पर 26 लाख रुपये का कर्जा हो गया था. तब उसने स्वयं का 20 लाख रुपये का सुनियोजित तरीके से एक माह पूर्व अपना बीमा कराया था. उसके बाद टीवी और फिल्मों को देखकर किसी अन्य को अपने स्थान पर मारकर खुद की हत्या की साजिश रची. ये सब इसके लिए किया गया जिससे 26 लाख रुपये का कर्जा वापिस न देना पड़े तथा परिजनों को 20 लाख की बीमा राशि का भी लाभ प्राप्त जाए.
अपनी हेयर स्टाइल जैसा बनाने के लिये कटिंग की दुकान पर पहुंचा था आरोपी
साजिश के तहत गांव कमेड के ही कालू उर्फ रामगोपाल को निशाना बनाकर कालू को घटना के तीन दिन पहले उसके बालों की हेयर स्टाइल को अपनी हेयर स्टाइल जैसा बनाने के लिये कटिंग की दुकान पर ले गया. घटना के पहले ही अपने खेत पर बने टपरे में तलवार छिपा ली थी. 22-23 जनवरी की दरमियानी रात को सोची समझी साजिश के तहत पहले कालू को अपने खेत पर बुलाने के लिये फोन लगाया तो कालू ने मना कर दिया. फिर दोबारा फोन लगाने पर भी कालू ने आने से इंकार किया. इसके बाद आरोपी हिम्मत कालू के खेत पर मोटर साइकिल से गया, जहां वह मजदूरी करता है. परन्तु कालू खेत पर भी नहीं मिलने पर पास के ही खेत मे काम करने वाले मदन, जो पूर्व मे उसके खेत पर मजदूरी करता था, को अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर अपने खेत पर ले आया.
फटे पुराने कपड़े उतरवाकर नये कपड़े एवं जैकेट दिया
आरोपी हिम्मत द्वारा ठंड अधिक होने का झांसा देकर मदन को बोला कि मैंने इनर (गर्म कपड़े) पहन रखे हैं, तू मेरे कपड़े पहन ले. इस पर मदन ने उसके फटे पुराने कपड़े उतारकर हिम्मत के कपड़े एवं जैकेट को पहन लिया. उसके बाद दोनों ने बैठकर बीड़ी पी. बीड़ी खत्म होते ही हिम्मत ने पीछे से हमला कर जान से मारने की नीयत से मदन का गला दबा दिया. अर्ध मूर्छित होने पर खेत पर छिपा कर रखी तलवार से गले पर वार किया. उसके बाद भी मदन के शरीर मे हरकत होने पर उसके चेहरे पर खेत की सूखी घास डालकर उसकी असली पहचान छिपाने के लिये उसका चेहरा जला दिया जिससे यह लगे की हिम्मत मर चुका है.
घटना के बाद जगह-जगह भटकता रहा आरोपी
घटना करने के बाद मदन के कपड़े घटनास्थल से दूर जाकर सड़क पर इधर-उधर रास्ते में फेंक दिए व तलवार झाड़ियों में छिपा दी. उसके बाद वह अपने घर की ओर गया जहां पूर्व से ही उसने अपने कपड़े और जूते घर के बाहर कोने मे अंधेरी जगह मे एक थैली मे रख रखे थे. थैली लेने के बाद वह वहां से पैदल भाटपचलाना गया. वहां से बस के बैठकर रूनिजा गया जहां से वह रेलवे स्टेशन से जनरल टिकट लेकर इंदौर की ट्रेन मे बैठ गया.
इंदौर रेलवे स्टेशन पर उतरकर बाहर देखा तो उसे उज्जैन की बस तैयार खड़ी दिखी तो वह उसमें जाकर बैठ गया और उज्जैन पहुंच गया. इसके मन में बार-बार घटना के सम्बंध में जानने की इच्छा हो रही थी जिससे वह उज्जैन पहुंचने के बाद खाचरौद जाने के लिये जावरा वाली बस में बैठ गया. खाचरौद बस स्टैंड पर बस पहुंचने के बाद उतरकर खबर लेना चाहा परंतु गांव कमेड का एक व्यक्ति दिखने से वह बस से नहीं उतरा और सीधे जावरा पहुंच गया.
बनवा रखे दो आधार कार्ड
जावरा से बस द्वारा प्रतापगढ़ (राजस्थान) पहुंच गया. 23 जनवरी से दो तीन दिन भटकने के बाद वही धर्मशाला में एक कमरा अपने खुद के नाम से लिया. जहां 10 रुपये कमरे का किराया एवं 10 रुपये में खाना मिलता है. आरोपी घटना के एक दिन पहले 22 जनवरी को भाटपचलाना के एक व्यापारी से पचास हजार रुपये उधार भी लेकर आया था.
आरोपी के पास दो आधार कार्ड थे. एक घटनास्थल से पुलिस ने जब्त किया, दूसरा आज जब्त हुआ. अभी तक की पूछताछ में आरोपी द्वारा अकेले घटना को अंजाम देना कबूल किया है.
जिसे मृतक माना जा रहा था वही निकला असली दोषी
गौरतलब है कि रतलाम जिले के ग्राम कमेड में पिछले दिनों हिम्मत पाटीदार की हत्या का मामला सामने आया था. पुलिस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि जिस हिम्मत पाटीदार को मृतक माना जा रहा था, वह तो जीवित था और वही असली दोषी था. मृतक तो मदन लाल था. हिम्मत ने उसकी हत्या करने के बाद शिनाख्त बिगाड़ने के लिए उसका चेहरा जला दिया था जिससे लोगों को यह प्रतीत हो कि मरने वाला हिम्मत पाटीदार है. पुलिस जांच में डीएनए टेस्ट के बाद यह साबित हुआ था कि मरने वाला हिम्मत नहीं बल्कि मदन था. पुलिस तभी से हिम्मत की तलाश में थी.