जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त राज्यपाल सत्यपाल मलिक जनता की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं. मलिक ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि वह ‘सभी के साथ संवाद और युवाओं से जुड़ने’ के पीएम मोदी के लक्ष्य के अनुरूप काम करना चाहते हैं.
मलिक ने कहा, ‘मेरा एजेंडा जम्मू-कश्मीर की जनता के बीच जाना है. मैं स्थानीय लोगों तक पहुंचना चाहता हूं. मुझे नेताओं से मिलने और उनके साथ चाय पीने में कोई रुचि नहीं है. मैं युवाओं से मिलना चाहूंगा. मैं जनता के लिए काम करूंगा और उनकी बात सुनूंगा.’
मलिक का आधिकारिक कार्यकाल बुधवार से ही शुरू हो गया है. दिल्ली के पॉश इलाके पृथ्वीराज रोड स्थित अपने आवास के एक बड़े कमरे में बैठकर सत्यपाल मलिक तमाम लोगों से मिल रहे थे, जो उन्हें नई भूमिका की बधाई देने आए थे. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को परोक्ष तौर पर पीएमओ द्वारा निर्देशित होने वाले शासन के तौर पर देखा जा रहा है.
मलिक ने कहा, ‘पीएम का लक्ष्य यह है कि सभी लोगों की बात सुनी जाए, खासकर अभी तक जिनकी बात नहीं सुनी गई. युवाओं की बात सुनी जाएगी. पीएम कश्मीर की जनता से लगाव रखते हैं. वह बाढ़ के दौरान कश्मीर घाटी में गए थे और राहत प्रदान की थी. उन्होंने दिवाली भी कश्मीर में मनाई थी. वह लोगों का भरोसा जीतना चाहते हैं और यह कहते रहे हैं कि हम उनके, उनकी सरकार के साथ हैं.’
कश्मीर में किसी राजनीतिज्ञ को राज्यपाल बनाना क्या उचित निर्णय साबित होगा? इसके बारे में सत्यपाल मलिक का मानना है, ‘राजनीतिज्ञों का भी काम जनता के बीच जाना और लोगों की शिकायतें सुनना है. इसलिए मेरे पृष्ठभूमि के बारे में किसी को कोई भी भ्रम नहीं होना चाहिए. मैं वहां अपने लिए नहीं, बल्कि लोगों के लिए जा रहा हूं. मेरे पास कोई फॉर्मूला नहीं बस एक इरादा है.’
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