राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट अब जब खत्म हो गया है तो दोनों ओर के विधायक साथ काम करने की बातें कर रहे हैं. सचिन पायलट गुट के विधायक और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि सचिन पायलट के लिए जो भाषा इस्तेमाल की गई, उससे हमें काफी दुख पहुंचा था.
विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हम लोग कभी भी पार्टी तोड़ना नहीं चाहते थे और ना ही भाजपा के साथ जाना चाहते थे. हम बस हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे, इसलिए राजस्थान से एक महीने के लिए बाहर रहना पड़ा.
पूर्व मंत्री ने कहा कि अब पार्टी की ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जो जल्द ही समस्याओं का हल निकालेगी. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मैं और सचिन पायलट राजस्थान के बाहर अपने-अपने घरों में रुके, जबकि जिन विधायकों के पास बाहर घर नहीं है वो होटल में रहे.
विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि राजस्थान से बाहर होने के बाद भी वो लगातार कोरोना वायरस संकट पर बैठकों में हिस्सा ले रहे थे और अपने क्षेत्र के अधिकारियों से बात कर रहे थे.
गौरतलब है कि विश्वेंद्र सिंह वही मंत्री हैं जिन्हें पद से हटाया गया था और पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था. बगावत के दौर पर वो ही ट्विटर पर सबसे मुखर रहे.
बता दें कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने घर के विवाद को सुलझा लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान दिया है कि सभी लोगों को साथ लेकर काम किया जाएगा और जो पुरानी बातें हैं उन्हें भुलाया जाएगा.
दूसरी ओर सचिन पायलट मंगलवार को ही जयपुर पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय नेताओं से मुलाकात की. विधानसभा सत्र में पायलट गुट के सभी विधायक हिस्सा लेंगे. इतना ही नहीं उनपर लगे केस भी वापस लिए जा रहे हैं.