कई दिनों से लापता सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी (59) के मामले में नई जानकारियां सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि सऊदी दूतावास के अंदर ही जमाल की हत्या करने के लिए सऊदी ने हत्यारों को भेजा था, जो वारदात को अंजाम देने के बाद वहां से वापस सऊदी लौट आए थे। बताते चलें कि सऊदी सरकार के पूर्व सलाहकार खशोगी सरकार की कुछ नीतियों और प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के मुखर आलोचक थे।
बहरहाल, अब जो नई जानकारियां सामने आ रही हैं, वे कम चौंकाने वाली नहीं हैं। तुर्की के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने के अनुरोध पर बताया कि एंबेसी के 15 लोगों में चार लोग सऊदी से भेजे गए हत्यारे थे, जो दो अक्टूबर को सऊदी के पत्रकार के लापता होने के एक हफ्ते पहले ही इंस्ताबुल आए थे।
इनमें से एक सऊदी अरब की आंतरिक सिक्योरिटी एंजेसी में फॉरेंसिक इविडेंस का चीफ था। इसके अलावा सऊदी स्पेशल फोर्स का एक अधिकारी था, जिसने सोशल मीडिया में अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वह अपने कमरे में हैंडगन लिए दिख रहा था।
इनके अलावा दो अन्य लोग थे, जो सऊदी रॉयल गार्ड के मेंबर बताए जा रहे हैं। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ खड़े हुए उनकी तस्वीर सऊदी के अखबर में प्रकाशित हो चुकी है। तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि जमाल खाशोगी की हत्या काउंसलेट के अंदर ही कर दी गई थी और उनके शव को काटकर कहीं दूर ले जाया गया। हालांकि, इस आरोप को सऊदी की सरकार सिरे से खारिज कर रही है।
सऊदी एजेंट्स की टीम ने वारदात को दिया अंजाम
तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि यह तेज और जटिल ऑपरेशन था जिसमें सऊदी के एजेंट्स की टीम ने खाशोगी के काउंसलेट में जाने के दो घंटे के अंदर ही उसकी हत्या कर दी थी। उन्होंने खाशोगी के शव के टुकड़े करने के लिए बोन सा (हड्डी काटने वाले हथियार) का इस्तेमाल किया था, जिसे इसी काम के लिए खरीदा गया था। बीते दो दिनों से पत्रकार के लिए हो रही अंतरराष्ट्रीय चिंता के बीच हो रहे खुलासे से सऊदी के रॉयल किंगडम पर दबाव बनाया जा रहा है।
सीसीटीवी वीडियो पर सऊदी की चुप्पी
पत्रकार की हत्या के लिए भेजे गए सऊदी की हत्यारी टीम की तस्वीरें सामने आने के बाद भी सऊदी अरब ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इसके साथ ही जिस दिन खाशोगी लापता हुए, उस दिन काउंसलेट में संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। ये वीडियो तुर्की और दुनियाभर के टीवी नेटवर्क में दिखाए गए हैं। हालांकि, इसके बावजूद यह दावे से नहीं कहा जा रहा है कि खाशोगी के साथ क्या हुआ था।
बताते चलें कि जमाल खशोगी (59) की मंगेतर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद मांगी है। तुर्की निवासी हैटिस केंगिज ने अमेरिकी अखबार “द वाशिंगटन पोस्ट” में छपे लेख में राष्ट्रपति ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया से जमाल का पता लगाने की अपील की है। जमाल खाशोगी केंगिज से शादी करने के लिए दो अक्टूबर को जरूरी दस्तावेज बनवाने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास गए थे। इसके बाद से ही उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।