मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून से पूर्व आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी कर ली जाए। सभी विभाग चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों के चिन्हीकरण शीघ्र किया जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर वैकल्पिक मार्गों की भी व्यवस्था हो।
यह सुनिश्चित किया जाय कि आपदा में सङको के क्षतिग्रस्त होने की दशा मे आवागमन की व्यवस्था शीघ्र सुचारू हों। संचार व्यवस्थाओं को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि आपदा के दौरान संचार व्यवस्थाएं सबसे अधिक बाधित होती हैं। संचार व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए पूरी तैयारी की जाय।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून शुरू होने से पूर्व जनपद एवं तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाएं। आवश्यक उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था रखी जाय। यदि कोई भी आवश्यकता हो तो शासन को अवगत कराया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि मानसून अवधि में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों एवं पर्वतीय जनपदों में खाद्यान की पूर्ण व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। आपदा से जानमाल की कम से कम क्षति हो इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। मौसम विभाग द्वारा मौसम पुर्वानुमान में क्या और सुधार हो सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मौसम पूर्वानुमान पहले मिल जाने से जानमाल के नुकसान से लोगों को बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरकण्डा में डॉप्लर रडार को शीघ्र शुरू किया जाय एवं लैंसडाउन में डॉप्लर रडार की कार्यवाही में तेजी लाई जाए।