ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी की धर्मनिरपेक्षता वाले बयान को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी वाहियात बयान देकर मुख्यमंत्री पद की तौहीन कर रहे हैं. संविधान के आर्टिकल 14, 19, 22, 25 में धर्मनिरपेक्षता दर्शाया गया है.
भारत सेक्युलर है क्योंकि हमारे फाउंडिंग फादर ने ऐसा चाहा. अगर भारत की इज्जत नहीं हो रही है तो फिर पीएम मोदी से मुख्यमंत्री को शिकायत करनी चाहिए. चीन हमारी जमीन पर है. पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छू रही है. किसान आंदोलन कर रहा है, देश में बेरोजगारी है तो क्या ये सब धर्मनिरपेक्षता की वजह से है?
ओवैसी ने सवालिया अंदाज में पूछा कि लिबर्टी का मतलब क्या होता है? वो संविधान की तौहीन कर रहे हैं. डबल चेहरा है इनका. साढ़े छह सालों से आपकी सरकार है, इसके बावजूद अगर इज्जत नहीं मिल रही है तो इसका मतलब है सरकार फेल है. धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कोई भूमिपूजन कर रहे हैं. आप जिस पद पर बैठे हैं उसका कोई मजहब नहीं है. किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री वाहियात बातें कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी चुप है. संघ परिवार का असली चेहरा अब सामने आ रहा है. दिशा रवि केस में कोर्ट के जजमेंट मंत्रालय को पढ़ने चाहिए और अपना कोर्स करेक्शन करना चाहिए.
दरअसल सीएम योगी ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि धर्मनिरपेक्षता वैश्विक स्तर पर भारतीय परंपरा के लिए बड़ा खतरा है.जो लोग भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं, उन्हें सजा भुगतनी होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में चेतावनी के लहजे में कहा, ‘अपने स्वयं के लाभ के लिए लोगों को गुमराह करने और देश को धोखा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. जो लोग कुछ पैसे के लिए भारत के बारे में झूठी बातें फैला रहे हैं उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा.’
सीएम योगी ने भारत की धर्मनिरपेक्षता को लेकर लोगों से अपील की कि वे छोटे सांप्रदायिक विवादों में शामिल होकर देश की मैत्रीपूर्ण भावना को न खोएं. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की संस्कृति पहली संस्कृति है, जिसने वैश्विक मंच पर अपना स्थान बनाया. इसके हजारों वर्ष बाद भगवान बुद्ध की संस्कृति वैश्विक मंच पर स्थापित हुई.
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