पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद समेत जमात-उद-दावा/लश्कर-ए-तैयबा के पांच नेताओं के बैंक खातों को फिर से बहाल कर दिया है। पाकिस्तान की तरफ से यह कदम संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से औपचारिक अनुमोदन मिलने के बाद उठाया गया है। पाकिस्तान मीडिया की तरफ से यह जानकारी दी गई है।

जिन लोगों के बैंक खातों को फिर से बहाल किया गया है, उनमें आतंकी हाफिज के अलावा जमात-उद-दावा नेता अब्दुल सलाम भुट्टावी, हाजी एम अशरफ, याह्या मुजाहिद और जफर इकबाल शामिल हैं।
हालांकि, ये सभी यूएनएससी के सूचीबद्ध आतंकवादी हैं और वर्तमान में पंजाब काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) द्वारा उनके खिलाफ दायर आतंकी वित्तपोषण मामलों में लाहौर जेल में 1 से 5 साल की सजा काट रहे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, अपने परिवार के गुजर बसर का हवाला देते हुए एक नेता ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की थी कि वह उसके बैंक खातों को फिर से इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान करे।
इस आतंकवादी संगठन के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि शुरू में हम अपील दायर नहीं करना चाहते थे लेकिन हमें इसे दायर करने की सलाह दी गई क्योंकि हमारे नेताओं के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा था।
वहीं, बताया गया है कि इन नेताओं ने पाकिस्तान सरकार से अपने अनुरोध में अपनी वित्तीय आय और कमाई के स्रोतों के बारे में भी बताया था। उसी को उनके बैंक खाता नंबर और अन्य संबंधित विवरणों के साथ यूएनएससी को भेज दिया गया।
वहीं, दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जून के आखिर में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखने का फैसला किया था। दरअसल, एफएटीएफ का मानना था कि पाकिस्तान अपने यहां लश्कर और जेईएम जैसे आतंकी समूहों की टेरर फंडिंग को रोकने में नाकामयाब रहा।
एफएटीएफ का मानना था कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए। एफएटीएफ की बैठक में यह तय हुआ था कि पाकिस्तान को अक्तूबर में होने वाली अगली बैठक तक के लिए ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रखा जाएगा।
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