मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट 15 दिसंबर तक तैयार हो जाएगा जिसके लोकार्पण की तिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे। 22 जनवरी को नए मंदिर में रामलला के विराजने से पहले यहां से विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के साथ एयरपोर्ट निर्माण के निरीक्षण के बाद एक समीक्षा बैठक की। पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप नए भारत की नई अयोध्या बन रही है। यहां की हवाई पट्टी पहले बहुत छोटी थी। इसकी भूमि 178 एकड़ ही थी। इतने में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं बन सकता था।
प्रधानमंत्री के निर्देश पर राज्य ने केंद्र सरकार को जो प्रस्ताव भेजा, उसे सहमति मिली। इसके बाद राज्य ने 821 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई। इस पर एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने निर्माण शुरू किया।मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से तिथि का निर्धारण किए जाने के बाद सिर्फ एयरपोर्ट ही नहीं, कई अन्य विकास कार्यों की सौगातों का भी लोकार्पण होगा। राम मंदिर के लोकार्पण से पहले अयोध्या को हवाई सेवा से जोड़ दिया जाएगा। अयोध्या को दुनिया की सबसे सुंदरतम नगरी का गौरव उपलब्ध कराने के लिए सरकार काम कर रही है। इसमें हर कदम पर केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है।
अयोध्या से दिल्ली और अहमदाबाद के लिए होगी पहली उड़ान
अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का लोकार्पण 15 दिसंबर के बाद किसी भी दिन हो सकता है। यहां से पहला विमान दिल्ली और अहमदाबाद के लिए उड़ान भरेगा। इंडिगो एयरलांइस यह सेवा शुरू करने जा रही है। देश के बाकी शहरों के लिए अन्य विमान कंपनियों से बात चल रही है। पहले चरण में सिर्फ घरेलू और दूसरे फेज का काम पूरा होने पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो सकेंगी।
राम मंदिर से मिलती-जुलती शक्ल में राजस्थान के पत्थरों से करीब 320 करोड़ की लागत से तैयार अयोध्या के एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की भी सुविधा रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इसके लोकार्पण की तारीख तय किए जाने के साथ ही पहली उड़ान का दिन और समय मुकर्रर कर दिया जाएगा। दिल्ली के लिए रोज और अहमदाबाद के लिए सप्ताह में तीन दिन फ्लाइट उपलब्ध रहेगी।
अयोध्या से हवाई सेवा देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी बड़ी बात : चेयरमैन
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे के मद्देनजर शनिवार को एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन संजीव कुमार भी अयोध्या में थे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण का काम लगभग पूरा हो गया है। इसे देखने के लिए ही वह यहां आए हैं। अयोध्या से हवाई सेवा शुरू होना देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी बड़ी बात है। राम मंदिर का लोकार्पण होने से पहले श्रद्धालुओं को एयर कनेक्टिविटी मिल जाएगी।
अयोध्या के इतिहास में दर्ज होगा श्रीराम एयरपोर्ट का नाम : निदेशक
श्रीराम एयरपोर्ट के निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम अयोध्या के इतिहास में दर्ज किया जाएगा। फिलहाल लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। डीजीसीए की ओर से सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। घरेलू उड़ानें शुरू होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरपोर्ट को विस्तार देने के साथ दूसरे चरण का काम भी चलता रहेगा।
100 एकड़ तक विस्तारित हो चुका है रामजन्मभूमि परिसर
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब करीब 100 एकड़ जमीन का मालिक हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट से आए निर्णय के बाद रामजन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ जमीन ट्रस्ट को मिली थी। इसके बाद से ट्रस्ट ने परिसर के आस-पास व बाहर स्थित करीब 30 एकड़ जमीन पिछले दो सालों में खरीदी है। राममंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ेगी। ऐसे में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट लगातार जमीनें खरीद रहा है। इसी क्रम में ट्रस्ट ने 55 करोड़ में शाहनेवाजपुर मांझा में 116 बिस्वा जमीन और खरीदी है। इससे पहले ट्रस्ट बाग बिजेसी में करीब छह एकड़ जमीन खरीद चुका है। बाग बिजेसी में ही कुछ भूखंड ट्रस्ट आपसी सहमति के आधार पर खरीदने की तैयारी कर रहा है, जमीन के मालिकों से ट्रस्ट की बातचीत चल रही है। यह भूमि करीब तीन एकड़ बताई जा रही है। इसी तरह रामजन्मभूमि परिसर के आस-पास स्थित कुछ मंदिरों को भी ट्रस्ट ने आपसी सहमति के आधार पर पिछले दिनों लिया है। राममंदिर ट्रस्ट से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए ट्रस्ट समय-समय पर जमीनें लेता रहता है। रामजन्मभूमि परिसर के अलावा अब तक करीब 30 एकड़ जमीन ट्रस्ट खरीद चुका है।
पहले चरण में प्रति घंटे तीन फ्लाइट की होगी क्षमता : सिंधिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की क्षमता पहले चरण में प्रति घंटे दो से तीन फ्लाइट की होगी। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण शुरू होगा। बोइंग 787 व 777 जैसे सभी अंतरराष्ट्रीय विमान सीधे अयोध्या में लैंड कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया शनिवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के साथ एयरपोर्ट का निरीक्षण और समीक्षा बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अयोध्या के हवाई अड्डे में पहले चरण में 65,000 वर्ग फीट का हवाई तल बनकर तैयार है। यहां 2200 मीटर के रनवे का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस पर छोटे विमानों के साथ ही बोइंग 737, एयरबस 319 और एयरबस 320 जैसे बड़े विमान भी उतर सकेंगे। शुरुआत में यहां आठ एप्रन बनाए गए हैं।
दूसरे चरण के लिए शीघ्र ही केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई को बढ़ाकर 3700 मीटर किया जाएगा। इससे बोइंग 787 और बोइंग 777 जैसे सभी अंतरराष्ट्रीय विमान सीधे अयोध्या में उतर सकेंगे। पहले चरण के पास ही दूसरे चरण के विमान तल को तैयार किया जाएगा। यह पांच लाख वर्ग फीट होगा।
अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर चमकता सितारा बनाएंगे
सिंधिया ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि की माटी को माथे पर लगाने का सौभाग्य मिला। यह बेहद भावनात्मक क्षण है। मेरी आजी-अम्मा का यहां से भावनात्मक लगाव रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक व आध्यात्मिक शक्ति के आधार पर भी भारत विश्व पटल पर अग्रसर हो रहा है। अयोध्या आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बिंदु है। यहां के एयरपोर्ट में जब कोई स्वदेशी या विदेशी पर्यटक प्रवेश करेगा तो उसे इस शहर की सांस्कृतिक विशेषता और क्षमता का भी अहसास होगा। अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर चमकता सितारा बनाने के संकल्प को सिद्धि तक ले जाएंगे।