तीर्थनगरी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में एडवोकेट कमीशन के स्वरूप (कमीशन की संरचना और तौर तरीकों) पर 11 जनवरी 2024 को सुनवाई होनी है। अब इसी सुनवाई की तिथि पर ही अन्य 17 वादों पर सुनवाई होगी। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की वेबसाइट पर यह आदेश अपलोड किया गया।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट से जन्मभूमि मामले में दाखिल 18 वादों में से एक वाद पर एडवोकेट कमीशन की मंजूरी हो गई है। कमीशन की संरचना और तौर तरीकों पर 11 जनवरी को सुनवाई होनी। अब इसी दिन अन्य 17 वादों में भी सुनवाई होगी। इस तिथि पर अन्य 17 वादों में भी एडवोकेट कमीशन के आदेश को लागू करने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही आगरा की जामा मस्जिद के सर्वे की भी मांग रखी जाएगी।
शाही ईदगाह मस्जिद के पंजीकरण को चुनौती देने की तैयारी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद के वक्फ बोर्ड में पंजीकरण को चुनौती देने की तैयारी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को नजीर के तौर पर पेश किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं जन्मभूमि मामले के पक्षकारों में से एक आशुतोष पांडेय ने बताया कि हाईकोर्ट में जन्मभूमि परिसर में मस्जिद होने के संबंध में 2017 में पीआईएल संख्या 13243/2017 दाखिल की गई थी।
इस मामले को वक्फ मस्जिद हाईकोर्ट बनाम हाईकोर्ट ऑफ इलाहाबाद रजिस्ट्रार जनरल व अन्य के नाम से जाना गया। हाईकोर्ट ने 8 नवंबर 2017 को आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि लीज पर दी जमीन पर मस्जिद का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता है। तीन माह में मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को वक्फ मस्जिद ने उच्च न्यायालय में और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी संख्या 4317/2018 दाखिल की गई। 13 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया और आदेश बरकरार रखा। इसी आदेश को अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के मामले में नजीर बनाया जाएगा।
आशुतोष पांडेय ने बताया कि फैसले का एक बिंदु यह भी था कि किसी भी धर्म की सार्वजनिक संपत्ति पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है। 11 जनवरी 2024 को होने वाली सुनवाई के दिन हाईकोर्ट में दलील रखी जाएगी कि गैर अाधिकारिक संस्था द्वारा ईदगाह पक्ष के साथ 1968 में समझौता किया गया था। ईदगाह पक्ष के पास भूलेख दस्तावेज में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन के किसी भी हिस्से पर कोई वैध मालिकाना हक नहीं है।
गोविंद नगर थाने ने दी रिपोर्ट, तीन को सीजेएम कोर्ट में सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन को कूटरचित दस्तावेज के जरिये शाही ईदगाह मस्जिद का पंजीकरण कराने का आरोप लगाते हुए मुस्लिम पक्ष के खिलाफ मुकदमे की मांग को लेकर सीजेएम, मथुरा कोर्ट में दाखिल अर्जी पर गोविंद नगर थाना पुलिस की ओर से शुक्रवार को रिपोर्ट पेश की गई। कोर्ट ने बृहस्पतिवार को यह रिपोर्ट मांगी थी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने मुकदमे की मांग वाली अर्जी पर 3 जनवरी की तिथि सुनवाई के लिए नियत कर दी है।