एक कथा के अनुसार श्री कृष्ण द्वारा शिव धनुष तोड़ने का प्रसंग भी बड़ा ही रोचक है, जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. जी हाँ, आइए बताते हैं श्री कृष्ण ने शिव धनुष को क्यों तोड़ा था..? वैसे तो सभी लोगों ने अक्सर ही भगवान राम के धनुष तोड़ने को लेकर ही कथा सुनी है. जी हाँ, आप सभी ने सुना ही होगा कि श्रीराम ने सीता स्वयंवर के समय तोड़ा था लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने भी शिव धनुष तोड़ा था.

पौराणिक कथानुसार – एक बार जब भगवान विष्णु ने अपना आठवां अवतार श्रीकृष्ण के रुप में लिया तब कुछ परस्थितियों के कारण श्रीकृष्ण के हाथों शिवजी का धनुष टूट गया और यह उस समय की बात है जब कंस ने श्रीकृष्ण को नंदगांव में मथुरा बुलाकर उनकी हत्या की योजना बनाई थी. कथानुसार कंस के बुलावे पर श्रीकृष्ण अक्रूरजी के साथ धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए मथुरा आए और श्रीकृष्ण उस मंदिर पहुंच गए जहां यज्ञ का आयोजन किया था.
शुक्रवार को भूलकर भी ना करें यह काम वरना माँ लक्ष्मी रूठ कर दूर चली जायेगी हो जाओगें भिखारी…
उसके बाद मंदिर में कंस ने भगवान शिव का धनुष रखा था और इसी धनुष के लिए यज्ञ का आयोजन भी किया था और श्रीकृष्ण ने धनुष को छूने की इच्छा जताई. कृष्ण की इच्छा सुन कर पहले सभी हंसने लगे कि भला एक बालक इस धनुष को कैसे उठा सकता है, लेकिन श्रीकृष्ण ने खेल-खेल में ही धनुष को उठाकर तोड़ दिया. कंस ने जब धनुष के टूटने का समाचार सुना तो वह घबरा गया क्योंकि ऐसी भविष्यवाणी थी की जो इस धनुष को उठा लेगा उसके हाथों कंस का वध होगा. मथुरा की जनता में खुशी का माहौल बन गया की कंस को मारने वाला आ गया. इस घटना के अगले ही दिन श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया और मथुरा उसके अत्याचार से मुक्त करवाया.
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