आजाद हिंद फौज की रानी झांसी रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट रहीं मानवती आर्या के लिए देश और समाज सबसे पहले था। इसके बाद परिवार आता था। शास्त्री भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उनकी बहू दिव्या आर्या ने ऐसे ही कई संस्मरण सुनाए तो लोग भावुक हो गए।
लोक सेवा मंडल एवं सहयोगी संस्थाओं की ओर से खलासी लाइन में आयोजित सभा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। शिक्षाविद पंडित शिवकुमार दीक्षित ने कहा कि वे नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण थीं। साथ ही समाज सेवा, परिवर्तन और आदर्श गृहणी की त्रिमूर्ति भी थीं। इतिहास के जानकार रामकिशोर वाजपेई ने कहा कि ऐसी महिलाएं ही समाज में पूजी जाती हैं।
मंडल के अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि उन्होंने कानपुर कारागार में बंदियों के सुधार के लिए भी बहुत काम किया। उप्र खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा कि खादी और स्वदेशी के प्रति उनका प्रेम अनुकरणीय था। समाजशास्त्री बीएन सिंह, डॉ. राकेश आर्या, कुलदीप सक्सेना, नौशाद आलम, आदित्य द्विवेदी, जगदंबा भाई, प्रदीप यादव आदि ने भी विचार रखे।
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