पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए अहम शाहपुर कंडी डैम के पूरा होने में फिर से पेंच फंस गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर अब संयुक्त नियंत्रण की मांग की है। यह प्रोजेक्ट कुछ ही समय में शुरू होने वाला था। इससे पहले पंजाब जम्मू-कश्मीर की सभी मांगें मान चुका है।
जम्मू कश्मीर सरकार ने कहा, दोनों राज्यों का इस प्रोजेक्ट पर होना चाहिए समान कंट्रोल
दरअसल इस प्रोजेक्ट के जरिए रावी नदी से 0.69 एमएएफ पानी कश्मीर नहर के जरिए जम्मू रीजन को जाना है। इस पानी के हमेशा मिलते रहने को लेकर जम्मू-कश्मीर ने अपनी आशंकाओं के बारे में पंजाब सरकार को पत्र लिखा है। विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जसपाल सिंह ने जम्मू कश्मीर की इस नई शर्त पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार से भी बात की है।
पता चला है कि पंजाब के सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह और जसपाल इस मसले को सुलझाने के लिए आज जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलेंगे। उन्हें प्रोजेक्ट को लेकर आ रही अड़चनों को दूर करने की मांग करेंगे।
दोनों राज्यों के बीच 1979 में रंजीत सागर डैम और डाउन स्ट्रीम पर शाहपुर कंडी बैराज बनाने के लिए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत जम्मू-कश्मीर को 1150 क्यूसेक पानी और 20 फीसद बिजली मुहैया करवाई जानी थी। पहले तो सालों लंबित रहने के बाद आरएसडी ही पूरा हुआ और बीस साल से शाहपुर कंडी बैराज के पूरा होने को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। दोनों राज्य सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस प्रोजेक्ट को पूरा करवाने के लिए पहल की थी।