सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने जा रहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सौर यान ‘पार्कर’ सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह के काफी नजदीक से गुजरा है। इस दौरान यह शुक्र से 2,415 किलोमीटर की दूरी पर था। पार्कर अपनी तरह का पहला अभियान है। सात साल लंबे अभियान पर इसे गत 12 अगस्त को लांच किया गया था। सात लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा यह यान अपने अभियान के दौरान सूर्य के काफी करीब तक जाएगा। इस दौरान यह सूर्य के बाहरी वातावरण और अंतरिक्ष के मौसम पर उसके प्रभाव का पता लगाएगा। इस अभियान से मिली जानकारियों का इस्तेमाल अंतरिक्ष की मौसम संबंधी उन गतिविधियों के पूर्वानुमान में किया जाएगा, जो सेटेलाइट और अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और रेडियो संचार में बाधा का कारण बनती हैं। पहली बार आया किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में शुक्र के नजदीक से गुजरते हुए पार्कर ने पहली बार किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश किया। किसी भी ग्रह के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश करने से यान की गति बढ़ जाती है। पार्कर द्वारा इस दौरान जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।

शुक्र ग्रह के करीब से गुजरा नासा का पार्कर सौर यान जानिए क्या हुआ उसके बाद

सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने जा रहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सौर यान ‘पार्कर’ सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह के काफी नजदीक से गुजरा है। इस दौरान यह शुक्र से 2,415 किलोमीटर की दूरी पर था। पार्कर अपनी तरह का पहला अभियान है। सात साल लंबे अभियान पर इसे गत 12 अगस्त को लांच किया गया था। सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने जा रहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सौर यान ‘पार्कर’ सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह के काफी नजदीक से गुजरा है। इस दौरान यह शुक्र से 2,415 किलोमीटर की दूरी पर था। पार्कर अपनी तरह का पहला अभियान है। सात साल लंबे अभियान पर इसे गत 12 अगस्त को लांच किया गया था।   सात लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा यह यान अपने अभियान के दौरान सूर्य के काफी करीब तक जाएगा। इस दौरान यह सूर्य के बाहरी वातावरण और अंतरिक्ष के मौसम पर उसके प्रभाव का पता लगाएगा। इस अभियान से मिली जानकारियों का इस्तेमाल अंतरिक्ष की मौसम संबंधी उन गतिविधियों के पूर्वानुमान में किया जाएगा, जो सेटेलाइट और अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और रेडियो संचार में बाधा का कारण बनती हैं।  पहली बार आया किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में  शुक्र के नजदीक से गुजरते हुए पार्कर ने पहली बार किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश किया। किसी भी ग्रह के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश करने से यान की गति बढ़ जाती है। पार्कर द्वारा इस दौरान जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।

सात लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा यह यान अपने अभियान के दौरान सूर्य के काफी करीब तक जाएगा। इस दौरान यह सूर्य के बाहरी वातावरण और अंतरिक्ष के मौसम पर उसके प्रभाव का पता लगाएगा। इस अभियान से मिली जानकारियों का इस्तेमाल अंतरिक्ष की मौसम संबंधी उन गतिविधियों के पूर्वानुमान में किया जाएगा, जो सेटेलाइट और अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और रेडियो संचार में बाधा का कारण बनती हैं।

पहली बार आया किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में

शुक्र के नजदीक से गुजरते हुए पार्कर ने पहली बार किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश किया। किसी भी ग्रह के गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश करने से यान की गति बढ़ जाती है। पार्कर द्वारा इस दौरान जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। 

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