महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना को दो अन्य विधायकों का समर्थन मिल गया है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का पत्र उद्धव ठाकरे को सौंपा। अचलपुर विधानसभा क्षेत्र के बच्चू कडू और मेलघाट विधानसभा क्षेत्र के राजकुमार पटेल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर समर्थन का एलान किया।
रविवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। सामना में शिवसेना ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पावर की तारीफ करते हुए लिखा कि महाराष्ट्र का परिणाम स्पष्ट है। भारतीय जनता पार्टी ने 106 सीटें जीतीं और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। यह स्पष्ट बहुमत है लेकिन गठबंधन के बावजूद दोनों दलों को बड़ी सफलता नहीं मिली है।
2014 में भाजपा ने 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीती थी। शिवसेना ने यह सफलता तब हासिल की जब वह बड़ी ताकत और जबरदस्त धनबल से टकराई है। इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन के बावजूद शिवसेना 56 सीटों पर विजयी रही। हालांकि 56 सीटें पिछले चुनाव के मुकाबले कम हैं, लेकिन महाराष्ट्र की सत्ता का रिमोट कंट्रोल उद्धव ठाकरे के हाथ में है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए सामना में शिवसेना ने लिखा कि भाजपा नेता चुनाव से पहले अक्सर यह करते थे कि महाराष्ट्र में विपक्षी दल नहीं बचेंगे और चुनाव के बाद पवार पैटर्न स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगा। ग्रामीण महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा की इस भाषा को पसंद नहीं किया और उसने महाराष्ट्र में एक मजबूत विपक्ष खड़ा किया। इसका श्रेय राज्य के लोगों को दिया जाना चाहिए।