एक्शन के दौरान शहीद होने वाले रक्षाकर्मियों के परिजन अपने उसी सरकारी आवास में एक साल तक रह सकेंगे जिसमें वो पहले से रह रहे हैं. अभी तक जवान की मौत के तीन महीने बाद तक सरकार की ओर से दिया गया आवास खाली करना होता था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस आशय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. ये सेना के तीनों अंगों के लिए लागू होगा. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक ‘बैटल कैजुअल्टीज़’ परिवारों के लिए सरकारी आवास में बने रहने की अवधि तीन महीने से बढ़ाकर एक साल कर दी गई है.
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, “सशस्त्र सेनाओं की ज़रूरत और मांग को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने मौजूदा प्रावधानों की समीक्षा की और ‘बैटल कैजुअल्टीज़’ परिवारों को सरकारी आवास में रहने की अवधि को बढ़ाने की सिफ़ारिश की.”
अधिकारियों के मुताबिक ऐसे परिवारों के लिए थोड़े ही समय में आवास शिफ्ट करना बहुत मुश्किल होता है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, सशस्त्र सेनाओं से जुड़ा कोई जवान शत्रु सेना से लड़ते हुए या हवाई हमले में वीरगति को प्राप्त होता है तो उसके परिजनों को सरकारी आवास में बने रहने की अवधि तीन माह की होती है जिसे बढ़ाकर अब एक साल कर दिया गया है. ये घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की.
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