कोरोना संक्रमण के चलते शहर छोड़कर गांव लौटे प्रवासियों के लिए योगी सरकार बाबा साहब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना लागू कर रही है। इससे करीब एक लाख लोग लाभान्वित होंगे।
इसके तहत उन्हें स्वरोजगार के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये तक का ऋण 35 से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा। पहले चरण में दस हजार प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा योजना में 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति और जनजाति के होंगे, जबकि इसमें दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पहले चरण में सरकार ने इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
गांव में कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी रिपेयर, किराना, दूध डेयरी, पोल्ट्री व्यवसाय, ब्यूटी पार्लर, मछली पालन और फर्नीचर कार्य के साथ स्थानीय स्तर पर गांव के प्रचलित या परंपरागत व्यवसाय के लिए दो लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा।
इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी की संस्तुति पर ही ऋण स्वीकृत किया जाएगा। दिव्यांग लाभार्थी को ऋण की 50 प्रतिशत या अधिकतम 70 हजार रुपये, अन्य श्रेणी के लाभार्थियों को 35 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार सब्सिडी दी जाएगी।
ग्राम्य विकास आयुक्त के. रवींद्र नाईक के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के स्वरोजगार के लिए यह योजना मददगार होगी।