व्हाइट हाउस ने ‘यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ का नाम बदलकर ‘डोनाल्ड जे ट्रम्प इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप का नाम वाशिंगटन डीसी में यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के बाहर ठीक उसी जगह पर लिखा गया है, जहां गुरुवार को वे रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्रपतियों की मेजबानी करेंगे।
दरअसल, यह कदम साल की शरुआत में ट्रंप प्रशासन के विवादित कब्जे के बाद आया है, जब कर्मचारियों को हटाकर अपना नेतृत्व थोपने की कोशिश की गई। संघीय न्यायाधीश ने इसे ‘सत्ता का घोर अतिक्रमण’ बताते हुए रोका था।
व्हाइट हाउस द्वारा ‘यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ का नाम बदलकर ‘डोनाल्ड जे ट्रम्प इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ करने के निर्णय के बारे में जब पूछा गया तो व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने कहा कि अमेरिकी शांति संस्थान का नाम राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है।
क्यों बदला नाम?
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने कहा कि डोनाल्ड जे. ट्रम्प इंस्टीट्यूट ऑफ पीस, जिसका नाम एक ऐसे राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है, जिसने एक साल से भी कम समय में आठ युद्ध समाप्त कर दिए, एक सशक्त अनुस्मारक के रूप में खड़ा होगा कि एक मजबूत नेतृत्व वैश्विक स्थिरता के लिए क्या हासिल कर सकता है। बधाई हो, दुनिया!
मार्को रुबियो ने किया समर्थन
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस कदम का समर्थन करते हुए एक्स पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप को इतिहास शांति के राष्ट्रपति के रूप में याद रखेगा। अब समय आ गया है कि हमारा विदेश विभाग भी यही दिखाए।”
गौरतलब है कि ट्रंप का यह दावा जिसमें वे दुनिया के 8 युद्ध को समाप्त करने का क्रेडिट लेते हैं, पूरी तरह से विवादित है। क्योंकि, ट्रंप जिन संघर्षों के समाप्त होने का दावा करते हैं, जिनमें इजराइल-हमास संघर्ष भी शामिल है।
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