नगर निगम की ओर से 111 श्रेणी के व्यवसायों पर लाइसेंस शुल्क लगाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। व्यापारियों ने शहर में मुनादी के जरिए निगम का विरोध शुरू कर दिया और इस मामले में शहर के समस्त व्यापार मंडलों की बैठक बुलाई गई है। इस मामले में दून उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि यह निगम का काला कानून है और यह व्यापारी को बर्बाद करने वाला है। व्यापारी इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। व्यापार मण्डल किसी हाल में बैकफुट पर नहीं आएगा। इसे लेकर दून बंद तक किया जाएगा।
ये संगठन भी विरोध में
पेट्रोल पंप, होटल एसोसिएशन, राजेन्द्र नगर व्यापार मंडल, सर्राफा मंडल, व्यापार एकता समिति, दर्शनी गेट व्यापार मंडल, झंडा बाजार, बाबू गंज व्यापार मंडल, धर्मपुर व्यापार मंडल, जीएमएस रोड व्यापार मंडल, करनपुर, दिलाराम बाजार, राजपुर रोड व्यापार मंडल, न्यू मार्केट व्यापार मंडल, किशननगर दिलाराम बाजार, हाथीबड़कला व्यापार मंडल आदि।
अधिवक्ताओं पर माफ हुआ शुल्क
बार एसोसिएशन देहरादून के बैनर तले अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात की और उनके चैंबरों पर लाइसेंस शुल्क का विरोध किया। महापौर ने तत्काल अधिकारियों को बुलाकर जानकारी ली। जिसमें मालूम चला कि अधिवक्ताओं पर कहीं भी शुल्क लगाया नहीं गया है। जिस पर महापौर ने तत्काल अधिवक्ताओं पर लगाया जा रहा लाइसेंस शुल्क लिखित आदेश जारी कर निरस्त कर दिया। इस मौके पर बार एसोसिएशन दून के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव अनिल कुमार शर्मा समेत भाजयुमो अध्यक्ष श्याम पंत, बार के उपाध्यक्ष काली प्रसाद भट्ट, अमित डंगवाल, ललित भंडारी, अरुण खन्ना अल्पना जदलि आदि उपस्थित रहे।
आपत्ति आनी हुई शुरू
नगर निगम के प्रस्तावित लाइसेंस शुल्क पर आपत्तियां आनी शुरू हो गई हैं। प्रिंटिंग प्रेस पर 50 हजार रुपये सालाना लाइसेंस शुल्क लगाने के विरुद्ध देवभूमि प्रिंटर्स एंड पब्लिशर्स एसोसिएशन ने निगम पहुंचकर नगर आयुक्त के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई। पदाधिकारियों ने शुल्क बेहद ज्यादा बताया। उधर, ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने भी बस, विक्रम, ट्रक आदि पर लाइसेंस शुल्क का विरोध कर इसे कम करने की मांग की है।
हल्द्वानी-रुड़की में पहले से लागू
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड में ही हल्द्वानी, कोटद्वार और रुड़की नगर निगम में लाइसेंस शुल्क लिया जा रहा है। यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश आदि में भी सभी नगर निगमों में यह शुल्क लिया जा रहा है। हल्द्वानी में 109 श्रेणी पर शुल्क लिया जा रहा। वहीं का अध्ययन कर दून में भी लाइसेंस शुल्क लगाया गया है।