अक्सर लीक से हटकर काम करने वाले बॉलीवुड के प्रतिभाशाली डायरेक्टर मधुर भंडारकर ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। मधुर डायरेक्टर के तौर पर उनकी एक अलग पहचान है। कई स्टार की तरह मधुर को भी संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा आईए जाने उनके फिल्मों का सफर आखिर कैसा रहा।बिग ब्रेकिंग: योगी को सौंपी गई BRD मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट, हुआ खुलासा FIR हुई दर्ज…
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जा चुके मधुर का जन्म 26 अगस्त 1968 को मुबंई में हुआ था। बचपन से ही उनका जीवन काफी संघर्ष भरा था। मधुर हिंदू भगवान सिद्धिविनायक के बड़े भक्त हैं और खार में जब भी वे शहर में होते हैं अपने निवास से बिना चप्पल के मंगलवार को प्रभादेवी के मंदिर जाते हैं। उन्होंने भगवान के नाम पर ही अपनी बेटी का नाम भी सिद्धी रखा है। बता दें कि भंडारकर ने अपनी प्रेमिका रेणु नंबूदिरी से 2003 में शादी की थी। जिससे उन्हें सिद्धी हुई।
करियर की बात करें तो बचपन से गरीब होने के नाते मधुर ने हर छोटे बड़े काम किये। फिल्ममेकर मधुर भंडारकर जब नवीं क्लास में थे, तो पढ़ाई छोड़ दी और उसके बाद खार की वीडियो कैसेट लाइब्रेरी में काम करने लगे। इसके अलावा फिल्मी सितारे तक कई क्षेत्रों में लोगों को कैसेट देने जाते थे।यहीं से मधुर को कई सारी फ़िल्में देखने का मौका मिला और यहीं पर मधुर ने फिल्म बनाना सीखा।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर अंसिटेंट डायरेक्टर के रूप में की। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में सफलता 2001 में फिल्म चांदनी बार से मिली। इस फिल्म तब्बू कुलकर्णी एक्टिंग किया था। उन्हें इस फिल्म के लिए काफी सराहा गया। उन्होंने जेल, कॉरपोरेट, फैशन, हिरोइन, ट्रैफिक सिग्नल जैसी संवेदनशील मुद्दों पर फिल्में बनाई। साथ ही इन फिल्मों की वजह से मधुर की प्रतिभा को काफी सराहा गया।
अक्सर लाइमलाइट से दूर रहने वाले मधुर का विवादों से गहरा नाता है। साल 2004 में मधुर भंडारकर पर एक्ट्रेस प्रीति जैन ने कास्टिंग काउच का आरोप लगाया। उन्होंने मधुर पर फिल्म में लीड रोल और शादी करने का झांसा देकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाये हैं। हालंकि 2005 में जैन को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योँकि उन्होंने मधुर को मारने के लिए अंडरवर्ल्ड को 70,000 दिए थे।
हाल ही में रिलीज उनकी फिल्म इंदु सरकार को काफी विवादों में रही। कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देना चाहते थे। लेकिन इस फिल्म में कहानी को जबरदस्त अंदाज में पेश की गई। कहा जाता है कि भंडारकर ने अपनी अधिकांश फिल्मों में मुख्य किरदार नायिका को ही बनाया है। खैर मधुर ने जब भी कोई फिल्म बनाई है तो उस फिल्म में कहानी को जबरदस्त अंदाज में पेश करना उन्हें बाखूबी आता है।