वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों (एक्सोप्लैनेट) के चंद्रमा (एक्सोमून) में एलियन हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में बताया कि
इन एक्सोमून में मौजूद तरल पानी वहां जीवन की संभावनाएं जताता है। इनमें से बहुत कम ग्रह ऐसे हैं जहां जीवन संभव हो सकता है। इनके चंद्रमाओं में पानी होने की आशा लगाई जा रही है। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिल जे सटन ने बताया कि एक्सोप्लैनेट का चक्कर लगाने वाले एक्सोमून उस ग्रह के गुरुत्वीय खिंचाव के कारण अंदर से गर्म हो जाते हैं और इससे उनकी सतह के भीतर का पानी खिंचाव से ऊपरी सतह पर आ जाता है, जिससे जीवन की संभावना पनपती है। उन्होंने कहा कि हम लगातार पृथ्वी जैसा ग्रह खोजने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने एक्सोप्लेनेट जे1407 बी की परिक्रमा कर रहे चंद्रमा के मौसम का विश्लेषण कर यह संभावना जताई है।
एक्सोमून का पता लगाना मुश्किल- वैज्ञानिकों ने एक्सोप्लेनेट जे1407 बी का कंप्यूटर सिमुलेशन के माध्यम से अध्ययन किया तो पाया कि इसका वलय शनि के वलय से 200 गुना बड़ा है। अपने आकार और पृथ्वी से दूरी के कारण इन एक्सोमून का पता लगाना बहुत मुश्किल काम होता है। सौरमंडल के बाहर के ग्रह अधिकतर गैसों के होते हैं। जिनके आसपास शनि ग्रह के जैसे ही वलय होते हैं।