इस शोध के पीछे शोधकर्ताओं का मुख्य मकसद निषेचन की वास्तविक प्रक्रिया को समझना था क्योंकि जब कोई अंडा किसी शुक्राणु के साथ फ़र्टिलाइज़ेशन होता है तो वाकई में क्या होता है, ये अभी तक रहस्य बना हुआ है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि कोई अंडाणु किसी शुक्राणु के डीएनए को उसके रासायनिक संरचनाओं समेत अपने में समाहित कर लेता और उसे एक नया रूप दे देता है। इस वजह से शुक्राणु एक भ्रूण में तब्दील हो जाता है लेकिन यह ‘रूप परिवर्तन’ कैसे होता है, यह बहुत स्पष्ट नहीं है।
बच्चा पैदा करने की प्रक्रिया में अंडाणु की भूमिका ख़त्म हो जाने से सामाजिक रिश्तों पर कई तरह के प्रभाव पड़ेंगे। डॉक्टर टोनी पेरी कहते हैं कि भविष्य में इस बात की संभावना प्रबल होगी कि शरीर की किसी भी आम कोशिका से शुक्राणु का मिलन करवा कर भ्रूण बनाया जा सकेगा।