वेनेजुएला में डेथ स्‍कवड उतार चुकी है, हजारों लोगों को मौत के घाट

भुखमरी और आर्थिक कंगाली की राह पर चल रहे वेनेजुएला में बीते कुछ समय में हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा गया है। यह खबर इसलिए भी चौंकाने वाली है क्‍योंकि इसको सरकार के स्‍पेशल फोर्स के डेथ स्‍कवड (Death Squads of Special Forces) ने अंजाम दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nation Report on Venezuela) ने इन मौतों पर गहरी चिंता जाहिर की है। यूएन ने इसके लिए सीधे तौर पर राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो (President Nicolas Maduro) को दोषी ठहराया है। यूएन का कहना है कि डेथ स्‍कवड के जरिए मादुरो अपने राजनीतिक प्रति‍द्वंदियों को लगातार निशाना बना रहे हैं।

चौंकाने वाली है यूएन की रिपोर्ट 
यूएन की इस रिपोर्ट में कुछ और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसमें कहा गया है कि वेनेजुएला में युवाओं को अवैध रूप से हिरासत में लेकर उन्‍हें मारा जा रहा है। यूएन की इस रिपोर्ट में सरकार के उन आंकड़ों का भी जिक्र किया गया है जिसमें वर्ष 2018 में 5287 लोगों की मौत की जानकारी दी गई थी। सरकार ने इस बात से इंकार किया कि इन्‍हें स्‍पेशल फोर्स द्वारा हिरासत में लिया गया था। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मई 2019 तक 1569 लोगों को विभिन्‍न आरोपों में गिरफ्तार किया गया और अब उनपर मामला चलाया जा रहा है। दूसरी तरफ यूएन का कहना है कि जिन आंकड़ों का जिक्र सरकार ने किया है उनमें से अधिकतर लोगों की जानें स्‍पेशल फोर्स के डेथ स्‍कवड ने ली हैं।

रिपोर्ट में गवाहों के बयान भी हैं शामिल 

यूएन की रिपोर्ट में तथ्‍यों को प्रमाणित करने के लिए 20 ऐसे परिवारों का जिक्र है, जिन्‍होंने बताया है कि स्‍पेशल फोर्स की ड्रेस और मुंह पर मास्‍क लगाए हुए लोग उनके घरों में जबरन घुस गए। उन्‍होंने घर में रखी चीजों को तोड़-फोड़ दिया, महिलाओं और बच्चियों से बदसलूकी की और कीमती सामान भी चुराया। इन लोगों का यह भी कहना था कि स्‍पेशल फोर्स की ड्रेस में जबरन घुसने वालों की गाडि़यों पर कोई नंबर प्‍लेट नहीं लगी थीं। इन्‍होंने युवाओं को परिवार के दूसरे लोगों से अलग किया और उन्‍हें गोलियों से भून दिया।

 

राष्‍ट्रपति मादुरो की नीति का हिस्‍सा है ये घटनाएं 
इन घटनाओं के चश्‍मदीदों ने यह भी बताया कि युवाओं को मौत के घाट उतारने के बाद डेथ स्‍कवड के लोगों ने वहां सुबूतों से भी छेड़छाड़ की। रिपोर्ट में शामिल गवाहों ने स्‍पेशल फोर्स की डेथ स्‍कवड के बारे में कई सवाल भी उठाए हैं। यूएन रिपोर्ट में जिन गवाहों का जिक्र किया गया है उनका ये भी कहना है कि घरों में हथियार समेत नशीली दवाएं छिपाने के बाद डेथ स्‍कवड के लोगों ने अन्‍य घरों पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग की। ऐसे में किसी की इतनी हिम्‍मत नहीं थी कि उनका विरोध कर पाता। यूएन की रिपोर्ट में वर्तमान राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो की नीति पर अंगुली उठाते हुए तीखी टिप्‍पणी भी की है। इसमें कहा गया है कि राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को खत्‍म कर सरकार में अपराधियों को आश्रय देते आए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने वेनेजुएला में मानवाधिकार के हनन (Human Right Violation) पर भी गहरी चिंता व्‍यक्‍त की है।

 

संकट के पीछे अमेरिका एक बड़ी वतजह 
वेनेजुएला में पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक और राजनीतिक संकट छाया हुआ है। इस संकट के पीछे एक बड़ी वजह अमेरिका भी है। अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते वेनेजुएला में मुद्रास्फिति की दर लाखों फीसद तक बढ़ी है। यही वजह है कि वहां से कई बार खाने से भरे सामान के ट्रक और शॉपिंग माल्‍स तक के लूटे जाने की खबरें आई है। इतना ही नहीं आर्थिक संकट से बचने के लिए यहां के लोगों ने बढ़ी संख्‍या में पड़ोसी मुल्‍कों में कानूनी रूप से और गैरकानूनी तरीके से शरण ली है। वर्तमान में भी यहां पर राज‍नीतिक संकट गहराया हुआ है। पिछले दिनों राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो के तख्‍ता पलट की भी एक नाकाम कोशिश यहां पर की गई थी। इसके बाद मादुरो ने इसको विपक्षी नेता और स्‍वघोषित राष्‍ट्रपति जुआन गुएडो और अमेरिका की चाल बताया था।

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